सुरक्षाबलों की सतर्कता से २६/११ जैसा हमला टला – प्रधानमंत्री मोदी ने की सुरक्षाबलों की सराहना

नई दिल्ली – जम्मू-कश्‍मीर में होनेवाले पंचायत चुनाव से पहले, २६/११ जैसा भयंकर हमला करने की पाकिस्तान की साज़िश भारतीय सुरक्षा बलों ने नाकाम की है। गुरुवार तड़के हुई मुठभेड़ के दौरान मारे गए ‘जैश-ए-मोहम्मद’ के चार आतंकियों से बरामद किए गए हथियारों के भंड़ार से यह बात सामने आयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों की साज़िश नाकाम करनेवाले सुरक्षाबलों की सराहना की है। इस मुठभेड़ के बाद प्रधानमंत्री ने उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक का आयोजन किया और सुरक्षा का जायज़ा लिया होने का वृत्त है।

२६/११

मारे गए ‘जैश’ के चार आतंकियों से करीबन ११ ‘एके-४७ रायफल्स’, २९ ग्रेनेडस्‌, तीन पिस्तौल के साथ काफी बड़ा हथियारों का भंड़ार बरामद किया गया। मुंबई पर हुए २६/११ के हमले के स्मरणदिवस पर उसी तरह का भयंकर हमला करने की साज़िश इन आतंकियों ने रची थी। जम्मू-कश्‍मीर में शिक्षा संस्था एवं पंचायत चुनाव को लक्ष्य करने का इरादा इन आतंकियों ने रखा होगा, ऐसी संभावना जम्मू-कश्‍मीर के पुलिस अधिकारी ने जताई है। लेकिन, सुरक्षा बलों के सैनिकों ने नागरोटा में इन आतंकियों को उचित समय पर रोका और इसी कारण बड़ा अनर्थ टल गया।

नागरोटा में सुरक्षा बलों के सैनिक और आतंकियों के बीच तीन घंटों तक मुठभेड़ चली थी। इस दौरान चारों आतंकियों को ढ़ेर किया गया। इस सफलता की दखल लेकर प्रधानमंत्री ने, सुरक्षा बलों के सैनिकों ने दिखाई उच्च कोटि की वीरता और व्यावसायिकता की सराहना की। इन सैनिकों ने दिखाई सतर्कता और वीरता की वजह से, जम्मू-कश्‍मीर में जनतंत्र की प्रक्रिया पर भयंकर हमला करने की साज़िश नाकाम करना संभव हुआ, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा है। आतंकियों ने जम्मू-कश्‍मीर में हो रहें पंचायत के चुनावों को लक्ष्य करने की साज़िश की थी। यह बात प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया से स्पष्ट हो रही है।

नवंबर महीने के अन्त में जम्मू-कश्‍मीर में पंचायत के चुनाव शुरू हो रहे हैं और १९ दिसंबर के दिन इस चुनाव के अंतिम चरण का मतदान होगा। बाद में २२ दिसंबर के दिन इस चुनाव के नतीजे घोषित होंगे। इस चुनाव को स्थानीय लोगों का बड़ा प्रतिसाद प्राप्त होने की गहरी संभावना है। इसी कारण पाकिस्तान बेहाल हुआ हैं। क्योंकि धारा ३७० हटाकर भारत ने जम्मू-कश्‍मीर की जनता पर अत्याचार शुरू किए हैं, ऐसा दुष्प्रचार पाकिस्तान कर रहा है। इसके लिए अपना पूरा ज़ोर लगा रहें पाकिस्तान की पोलखोल, इसी पंचायत के चुनावों में स्थानीय लोगों के समावेश के साथ हो सकती है।

इसी कारण पाकिस्तानी सेना, आयएसआय एवं आतंकी संगठन जम्मू-कश्‍मीर में भयंकर आतंकी हमलें करने की कड़ी कोशिश में जुटे हैं। वहाँ पर हमलें होने पर, ये हमलें स्थानीय कश्‍मिरी युवकों ने किये हैं, ऐसा प्रचार करने की तैयारी भी पाकिस्तान ने जुटाई हैं। लेकिन, भारतीय सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान की यह साज़िश नाकाम की है। इसी वजह से गुस्सा हुए पाकिस्तानी माध्यमों ने, नागरोटा में मारे गए आतंकियों का ज़िक्र ‘कश्‍मिरी युवक’ ऐसा करके भारत के विरोध में जहरिली आलोचना की थी। कश्‍मीर की नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा जारी गोलीबारी भी इसी भयंकर साज़िश का हिस्सा है। इस गोलीबारी की आड़ में जम्मू-कश्मिर में आतंकियों की घुसपैठ करवाने के लिए पाकिस्तानी सेना जानतोड़ कोशिश कर रही है।

पाकिस्तान की इस साज़िश की पृष्ठभूमि पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में शामिल थे, ऐसा कहा जा रहा है।

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