अफ़गानिस्तान के उप-राष्ट्राध्यक्ष ने पाकिस्तान को वर्ष १९७१ में हुई उसकी हार की याद दिलाई

काबुल/इस्लामाबाद – ‘अफ़गानिस्तान के कुछ मुठ्ठीभर लोग पाकिस्तान के अफ़गानिस्तान के साथ संबंध बिगाड़ने के लिए ज़हर उगल रहे हैं। उनके मूर्खतापूर्ण बयान अफ़गानिस्तान को लज्जित करते हैं’, ऐसी आलोचना पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ ने की। इससे पहले अफ़गानिस्तान के उप-राष्ट्राध्यक्ष अमरुल्ला सालेह ने सोशल मीडिया पर वर्ष १९७१ में पाकिस्तान ने भारत के सामने आत्मसमर्पण करने का फोटो प्रसिद्ध किया था। अफ़गानिस्तान के इतिहास में ऐसी फोटो नहीं मिलेगी, ऐसा कहकर अफ़गान उप-राष्ट्राध्यक्ष ने पाकिस्तान को फटकार लगाई थी। इस पर आगबबूला हुए पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने सोशल मीडिया पर यह बयान किया है।

अफ़गानिस्तान के उप-राष्ट्राध्यक्षअफ़गानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष के निवास स्थान के करीब तालिबान ने रॉकेट हमला किया था। उस समय राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी और उप-राष्ट्राध्यक्ष अमरुल्ला सालेह समेत अन्य अफ़गान नेता भी राष्ट्राध्यक्ष के निवास पर मौजूद थे। यह हमला होने के बाद उप-राष्ट्राध्यक्ष सालेह आम तौर पर विचलित हुए। उनकी स्थिति का वीडियो जारी करके पाकिस्तान के कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर अफ़गानिस्तान के उप-राष्ट्राध्यक्ष का मज़ाक उड़ाने की कोशिश की। इस पर उप-राष्ट्राध्यक्ष सलाह ने करारा प्रत्युत्तर दिया।

वर्ष १९७१ के युद्ध में हारी हुई पाकिस्तानी सेना के जनरल नियाज़ी भारत के सामने आत्मसमर्पण करने के समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए खींची गई तस्वीर सालेह ने सोशल मीडिया पर सार्वजनिक की। ‘रॉकेट हमले के बाद हम कुछ क्षण के लिए वास्तव में विचलित हुए थे। लेकिन, अफ़गानिस्तान के इतिहास में इस तरह से आत्मसमर्पण का कोई भी फोटो नहीं दिखेगा। तालिबान और आतंकवाद पाकिस्तान का यह घाव नहीं मिटा सकेंगे। इसके लिए आपको अलग मार्ग खोजने पड़ेंगे’, ऐसी फटकार लगानेवाला संदेश भी सालेह ने इस फोटो के साथ जारी किया।

पाकिस्तानी ‘ट्रोलर्स’ को अफ़गानिस्तान के उप-राष्ट्राध्यक्ष के इस करारे प्रत्युत्तर से पाकिस्तान को बड़ी मीर्च लगी है। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ ने इसका संज्ञान लिया। साथ ही मोईद युसूफ ने यह दावा भी किया कि, अफ़गानिस्तान के कुछ मुठ्ठीभर लोग पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान के संबंधों में दरार ड़ालने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, उनकी कोशिशों को कामयाबी प्राप्त नहीं होगी। साथ ही मूर्खता से भरे बयान करके यही लोग अफ़गानिस्तान को लज्जित कर रहे हैं। इनकी साज़िश अब विश्‍व के सामने सार्वजनिक हुई है, यह दावा भी मोईद युसूफ ने किया।

अफ़गानिस्तान के उप-राष्ट्राध्यक्षइसी बीच, पाकिस्तान के कड़े आलोचक के तौर पर पहचाने जानेवाले अमरुल्ला सालेह ने तालिबान की अफ़गानिस्तान में हिंसा के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने का सीधा आरोप लगाया था। केवल इतना ही नहीं, बल्कि अफ़गानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर स्थित स्पिन बोल्दाक तालिबान के हाथों से छुड़ाने के लिए हवाई हमले करने की कोशिश कर रही अफ़गानी सेना को पाकिस्तान ने हवाई हमलों की धमकी दी थी, इसकी पोल भी उप-राष्ट्राध्यक्ष सालेह ने ही खोली। इसके सबूत हमारे पास होने का बयान भी सालेह ने किया था।

साथ ही पाकिस्तान में अफ़गानी राजदूत की बेटी का अपहरण करके उसकी प्रताड़ना के मामले के खिलाफ उप-राष्ट्राध्यक्ष सालेह ने सख्त भूमिका अपनाकर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की थी। इस वजह से पाकिस्तान से सालेह की ही सबसे अधिक आलोचना हो रही है। सालेह भारत समर्थक होने का आरोप भी पाकिस्तान से लगाया रहा है। लेकिन, इस आलोचना पर सालेह का जवाब पाकिस्तान को दहलानेवाला है। अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के संबंध भारत बिगाड़ रहा है, यह दावा पाकिस्तान कर रहा है। लेकिन, तालिबान को पाकिस्तान की सहायता ही अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के बीच की समस्या की जड़ है। यह बात स्वीकारने के लिए पाकिस्तान तैयार नहीं है। उल्टा तालिबान को हर मुमकिन सहायता प्रदान करना हमारे कर्तव्य का हिस्सा होने की सोच पाकिस्तान रखता है। इसी वजह से अफ़गानिस्तान सरकार और जनता के मन में पाकिस्तान के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है।

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