अमरीका-ब्रिटेन-ऑसट्रेलिया परमाणु पनडुब्बियों की भागीदारी का ऐलान करेंगे

वॉशिंग्टन/लंदन – अमरीका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया सोमवार को परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण के लिए भागीदारी का ऐलान करेंगे। चीन की पैसिफिक क्षेत्र में विस्तारवादी हरकतों की पृष्ठभूमि पर यह घटना ध्यान आकर्षित कर रही है। जापान के अखबार ने इस भागीदारी का वृत्त प्रसिद्ध किया है और सोमवार के कार्यक्रम के लिए तीनों देशों के राष्ट्रप्रमुख उपस्थित रहेंगे, ऐसा दावा किया जा रहा है। ब्रिटेन ने इसकी पुष्टि की है और प्रधानमंत्री ऋषि सुनाक अमरीका के दौरे पर रवाना होने की जानकारी प्रदान की। 

साल २०२१ में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने ‘ऑकस’ का ऐलान किया था। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए चीन एक खतरा होने का दावा करके अमरीका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया एकजुट हो रहे हैं, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने कहा था। परमाणु पनडुब्बियां, मिसाइलें और सायबरसुरक्षा के क्षेत्र में तीनों देश भागीदारी बढ़ाएंगे, ऐसा ऐलान ‘ऑकस’ के गठन के साथ किया गया था। ऑस्ट्रेलिया को परमाणु पनडुब्बियों से सज्जित करने को प्राथमिकता दी जाएगी, यह पहली बैठक में कहा गया था। ऑस्ट्रेलिया की नौसेना को आठ परमाणु पनडुब्बियां प्रदान करने पर भी सहमति हुई थी।

परमाणु पनडुब्बियों का निर्माण अधिक समय और आर्थिक लागत का होने से ब्रिटेन या अमरीका अपनी परमाणु पनडुब्बियां ऑस्ट्रेलिया को भाड़े पर मुहैया कराएंगे, यह दावे भी किए गए थे। लेकिन, ‘ऑकस’ का निर्माण और इससे संबंधित ऐलान पर फ्रान्स, जापान के अलावा चीन ने भी तीव्र बयान किया था। ऑकस का ऐलान होने से पहले फ्रान्स और ऑस्ट्रेलिया के बीच परमाणु पनडुब्बियों के कारोबार की चर्चा शुरू हुई थी। लेकिन, अमरीका और ब्रिटेन के साथ चर्चा की जानकारी दिए बिना ऑस्ट्रेलिया ने सीधे ‘ऑकस’ का हिस्सा बनकर विश्वासघात किया है, ऐसा बयान फ्रान्स ने किया था। इस मुद्दे पर फ्रान्स और अमरीका के ताल्लुकात भी बिगड़े थे। 

चीन ने पैसिफिक क्षेत्र में परमाणु पनडुब्बियों की मौजूदगी हथियारों की स्पर्धा को बढ़ावा देगी, ऐसा आरोप लगाकर ‘ऑकस’ यानी शीतयुद्ध के समय की मानसिकता का प्रतिक होने का आरोप लगाया था। लेकिन, इस आलोचना के बाद भी अमरीका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने परमाणु पनडुब्बियों के मुद्दे पर सहयोग जारी रखने का निर्णय किया था। पिछले साल शुरू हुए रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर यह विषय पीछे पड़ने के संकेत प्राप्त हुए थे। लेकिन, अमरीका ने इस मुद्दे पर पहल करके परमाणु पनडुब्बि नियोजित समय पर ऑस्ट्रेलिया को प्राप्त होगी, ऐसी गवाही दी थी। 

‘ऑकस देशों का सैन्य गठबंधन मज़बूत करने के लिए ऑस्ट्रेलिया का परमाणु पनडुब्बियों के साथ तैयार करने के निर्णय पर अमरीका कायम है। पिछले वर्ष हुए समझौते के अनुसार निर्धारित समय में ऑस्ट्रेलिया को परमाणु पनडुब्बियों का बेड़ा प्राप्त होगा’, ऐसा ऐलान अमरिकी रक्षा मंत्री लॉईड ऑस्टिन ने दिसंबर की बैठक में किया था। रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने जापान को भी इस सैन्य गुट का हिस्सा बनने को कहा था।

सोमवार को होने वाली बैठक की पृष्ठभूमि पर चीन का बयान सामने आया है। ‘अमरीका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया अपनी शीतयुद्धकालिन मानसिकता छोड़ दें। क्षेत्रिय शांति और स्थिरता के लिए सहयोग करने पर जोर दें’, ऐसी गुहार चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने लगाई है।

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