आतंकियों पर कार्रवाई के मुद्दे पर भारत के आरोप के बाद, अमरीका ने भी पक़िस्तान को खरी खरी सुनायी

इस्लामाबाद – ‘एफएटीएफ’ की कार्रवाई को टालने के लिए पाकिस्तान ने ‘झकीउर रेहमान लख्वी’ को सज़ा सुनाने का नाटक किया होने का आरोप भारत ने किया था। यह आरोप पाकिस्तान को बहुत ही चुभा दिख रहा है। ‘एफएटीएफ’ की कार्रवाई और लख्वी को पाकिस्तान के न्यायालय ने सुनायी सज़ा इनमें कुछ भी संबंध नहीं है, ऐसा पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है। पाकिस्तान से इसपर खुलासा आ रहा है कि तभी अमरीका ने भी, लख्वी को हुई सज़ा को लेकर पाकिस्तान को खरी खरी सुनायी है। मुंबई में २६/११ का आतंकवादी हमला करवाने का आरोप लख्वी पर रखकर कार्रवाई करो, ऐसा अमरीका ने पाकिस्तान को डटकर कहा है।

पाकिस्तान के आतंकवादविरोधी न्यायालय ने लख्वी को, आतंकियों को पैसों की सप्लाई करने का आरोप लगाकर दोषी क़रारा दिया और कारावास की सज़ा सुनायी थी। पाकिस्तान के न्यायालय ने ‘जैश-ए-मोहम्मद’ का सरगना मौलाना मसूद अझहर के विरोध में गिरफ़्तारी वॉरंट जारी किया है। पाकिस्तान आतंकियों पर यह कार्रवाई शुरू करने का नाटक खड़ा कर रहा है, ऐसा आरोप भारत ने किया था। ख़ासकर लख्वी को सुनायी सज़ा यानी आँखों में धूल झोंकने का मामला है, ऐसा दोषारोपण भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने किया। जल्द ही ‘एफएटीएफ’ की बैठक शुरू होगी। उससे पहले आतंकियों पर कार्रवाई का नाटक पाकिस्तान कर रहा है, ऐसा श्रीवास्तव ने कहा था।

यह आलोचना पाकिस्तान को बहुत ही चुभी है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झहीद हफीज चौधरी ने यह दावा किया है कि एफएटीएफ की कार्रवाई और लख्वी को हुई सज़ा इनका कोई भी ताल्लुक नहीं है। इसके बारे में भारत ने पाकिस्तान पर किये आरोप विद्वेषी हैं, ऐसी आलोचना भी चौधरी ने की। साथ ही, पाकिस्तान के न्यायालय ने किये फ़ैसले पर बोलने का भारत को अधिकार नहीं है, ऐसा चौधरी ने कहा है। लेकिन पाकिस्तान यह खुलासा करके अपना बचाव कर रहा है, ऐसे में अमरीका से आयी प्रतिक्रिया पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा रही है।

लख्वी को पाकिस्तान के न्यायालय ने सुनायी सज़ा का अमरीका के विदेश मंत्रालय ने स्वागत किया। लेकिन आतंकियों को पैसों की सप्लाई करने से भी अधिक भयंकर अपराध लख्वी ने किये हैं, इसकी याद अमरीका के विदेश मंत्रालय के दक्षिण और मध्य एशिया विभाग ने करा दी। २६/११ का सूत्रधार होनेवाले लख्वी पर पाकिस्तान ने इस गुनाह के लिए मुक़दमा चलाना चाहिए, ऐसी माँग अमरिकी विदेश मंत्रालय के इस विभाग ने की है।

इसी बीच, ‘जागतिक आतंकवाद का केंद्र’ ऐसी पाकिस्तान की प्रतिमा बनी होकर, इस देश की पूरी बेइज़्ज़ती हो चुकी है। अपने हेतु साध्य करने के लिए पाकिस्तान आतंकवाद का, हथियार जैसा इस्तेमाल करता आया है, यह बात भारत दुनियाभर के प्रमुख देशों को बार बार समझाता आया है। उसके परिणाम दिखने लगे होकर, चीन और तुर्की जैसे कुछ देशों का अपवाद (एक्सेप्शन) छोड़कर, दुनिया के अन्य प्रमुख देश पाकिस्तानपुरस्कृत आतंकवाद के विरोध में ठोस भूमिका अपनाने लगे हैं। संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य बने भारत ने, आनेवाले समय में सुरक्षा परिषद में भी आतंकवाद का मुद्दा उपस्थित करके पाकिस्तान की घेराबंदी करने की तैयारी की है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान अपनी छवि सुधारने की जानतोड़ कोशिश कर रहा है। अब पाकिस्तान के माध्यम यह डर जता रहे हैं कि भारत अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके पाकिस्तान को ‘एफएटीएफ’ की ब्लैक लिस्ट में डाल देगा।

यदि वैसा हुआ, तो पाकिस्तान को आन्तर्राष्ट्रीय वित्तसंस्थाओं से कर्ज़ा नहीं मिलेगा और इस देश में आनेवाला निवेश भी रुकेगा। इसके बहुत बुरे परिणाम होंगे, ऐसी चिंता पाकिस्तान के विश्‍लेषक ज़ाहिर कर रहे हैं। इसी कारण आतंकवादियों पर कार्रवाई करने का नाटक करने पर पाकिस्तान मजबूर हुआ दिख रहा है।

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