अमरीका ‘कैट्सा’ के प्रतिबंधों से भारत को हटाए – अमरिकी सिनेटर्स की माँग

वॉशिंग्टन/मास्को – रशिया से ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा खरीदनेवाले भारत पर प्रतिबंध लगाने की धमकी अमरीका ने दी थी। लेकिन, ‘क्वाड’ का सदस्य और अमरीका का रणनीतिक भागीदार देश भारत पर प्रतिबंध लगाना अमरीका के हीत में नहीं होगा, ऐसा अमरिकी सिनेटर्स ने पेश किए हुए विधेयक में कहा गया है। सिनेटर टेड क्रूज़, सिनेटर मार्शल रॉजर और सिनेटर यंग ने अमरिकी संसद में पेश किए विधेयक में भारत पर प्रतिबंध ना लगाने की सिफारिश की है। कुछ दिन पहले ही अमरीका की पूर्व राजनीतिक अधिकारी निक्की हैले और सिनेटर माईट वॉल्टज़ ने लिखे संयुक्त लेख में भारत के साथ किया हुआ गठबंधन अमरीका के लिए सबसे अहम होने का अहसास कराया था।

US-CATSA-Indiaअमरीका के शत्रुदेश से हथियार खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान होनेवाले ‘काऊंटरिंग अमरिकाज्‌ एडवर्सरिज्‌ थ्रू सैन्कशन्स एक्ट – सीएएटीएसए’ (कैट्सा) के तहत भारत पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी अमरीका ने की थी। अमरीका के इशारों के बावजूद भारत ने रशिया से ‘एस-४००’ खरीदी थी। इसके खिलाफ बायडेन प्रशासन ‘कैट्सा’ के तहत भारत पर यह कार्रवाई करेगा, यह चर्चा हो रही थी। इसका अमरीका में ही विरोध हो रहा है। अमरीका के विपक्षी नेता, पूर्व एवं मौजूदा सेना अधिकारी और राजनीतिक अधिकारी भी बायडेन प्रशासन को इस निर्णय के खिलाफ इशारें दे रहे हैं। एक ओर भारत को रणनीतिक भागीदार के तौर पर देख रहा बायडेन प्रशासन कैट्सा के प्रतिबंध लगाकर भारत के साथ संबंध बिगाड़ रहा है, ऐसा इन सबका कहना है।

कुछ दिन पहले अमरीका की संयुक्त राष्ट्र संघ में पूर्व राजदूत निक्की हैले और सिनेटर माईट वॉल्टज़ ने अपने लेख में अमरीका और भारत के संबंधों की अहमियत रेखांकित की। अपने अंतरराष्ट्रीय प्रभाव के लिए अमरीका और भारत ने एक-दूसरे की सहायता करनी चाहिए, ऐसा सुझाव इस लेख में दिया गया है। दस लाख से अधिक सैन्यशक्ति, परमाणु एवं नौसेना की क्षमता बढ़ा रहा प्रगतिशील अंतरिक्ष कार्यक्रम चला रहा और लोकतांत्रिक इतिहास वाले भारत के साथ अमरीका को सहयोग करना चहिए, यह बात इस लेख में ड़टकर कही गई है। भारत के साथ सहयोग करने के अलावा अमरीका के पास अन्य विकल्प नहीं है, ऐसा बयान करने वाले इस लेख की विश्‍वभर में चर्चा हुई थी।

इसके बाद अमरिकी संसद में ‘कैट्सा’ के प्रतिबंधों से भारत को हटाने का एवं आगे के दिनों में भी भारत को यह सहुलियत प्रदान करने का मुद्दा इस विधेयक में रखा गया है। यह बात सूचक है और भारत को प्रतिबंधों के इशारें दे रहे बायडेन प्रशासन पर इसका दबाव ड़ाला जा रहा है। अब तक रशिया ही भारत को रक्षा सामान एवं हथियार प्रदान करनेवाला देश था। आज भी हथियार और रक्षा सामान के पूर्जों के लिए भारत बड़ी मात्रा में रशिया पर निर्भर है। इस वजह से भारत यकायक रशिया से रक्षा सामान की खरीद बंद नहीं कर सकेगा, इस ओर अमरिकी रक्षाबलों के अधिकारी एवं नेता ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। साथ ही भारत अपनी रशिया पर  निर्भरता कम करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है, इसका संज्ञान भी अमरीका के यह अधिकारी ले रहे हैं।

इस वजह से बायडेन प्रशासन भारत पर कैट्सा के प्रतिबंध नहीं लगाएगा, ऐसे संकेत प्राप्त होने लगे हैं और भारत के सहयोग को अहमियत देकर अमरीका आगे भी इस कानून से भारत को अलग रखने की तैयारी कर रहा है। लेकिन, रशिया से इसी ‘एस-४००’ की खरीदने वाले तुर्की पर अमरीका ने ‘कैट्सा’ के माध्यम से प्रतिबंध लगाने की तैयारी की है। तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने इस मुद्दे को उठाया है और साथ ही उन्होंने भारत को प्रतिबंधों से हटाने की तैयारी करके तुर्की पर प्रतिबंध लगा रही अमरीका की जोरदार आलोचना भी की है।

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