एल साल्वाडोर-तैवान मामले को लेकर अमरिका ने चीन को फटकारा

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वॉशिंग्टन/ताइपेई – मध्य अमरिका के एल साल्वाडोर इस देश ने चीन के दबाव में तैवान से संबंध तोड़ने के मुद्दे पर अमरिका ने चीन के विरोध में आक्रामक भूमिका ली है। चीन मध्य अमरिका के देशों में हस्तक्षेप कर रहा है, ऐसा आरोप अमरिका ने किया है और एल साल्वाडोर सरकार को भी चेतावनी दी है। एल साल्वाडोर के निर्णय की वजह से तैवान के साथ राजनैतिक संबंध रखने वाले देशों की संख्या १७ तक गिरी है।

दो हफ्तों पहले तैवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई इंग वेन ने अमरिका के साथ लैटिन अमरिकी देशों का दौरा किया था। उस समय उन्होंने अमरिका तथा बेलीज एवं पैरागुए इन देशों को भेंट दी थी। इन दोनों लैटिन अमरिकी देशों ने चीन का विरोध ठुकराकर तैवान के साथ राजनैतिक एवं व्यापारी सहयोग प्रस्थापित किए हैं। इसकी वजह से इन देशों का दौरा करके यह सहयोग बढ़ाने का उद्देश्य उनकी इस दौरे के पीछे था।

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तैवान की राष्ट्राध्यक्षा के इस दौरे के बाद मध्य अमरिका में एल साल्वाडोर के विदेश मंत्री ने पिछले हफ्ते में चीन को भेंट दी थी। इस भेंट में एल साल्वाडोर द्वारा तैवान से संबंध तोड़कर चीन के साथ संबंध प्रस्थापित करने की बात घोषित की थी। एल साल्वाडोर द्वारा हुई इस घोषणा के पीछे चीन ने आर्थिक सहायता के बल पर जारी किए दबाव जिम्मेदार होने की बात कही जा रही है। पिछले २ वर्षों में चीन ने इस प्रकार से पनामा, डोमिनिकन रिपब्लिक एवं अफ्रीका में बुर्किना फासो इन देशों को तैवान के साथ संबंध तोड़ने के लिए विवश किया था।

पर एल साल्वाडोर के मुद्दे पर अमरिका से आक्रामक प्रतिक्रिया उमड़ रही है और चीन के हस्तक्षेप का उजागर उल्लेख किया जा रहा है। यह हस्तक्षेप अमरिका के लिए अत्यंत चिंता का विषय होकर अमरिकी सरकार को एल साल्वाडोर से होनेवाले संबंध का पुनर्विचार करना पड़ रहा है, ऐसी चेतावनी भी दी जा रही है।

अपने अमरिका दौरे से पहले तैवान का अस्तित्व को कोई भी नकार नहीं सकता, ऐसे शब्दों में तैवान के राष्ट्राध्यक्ष त्साई इंग वेन ने चीन को फटकारा था।

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