स्वीडन के चुनावों में दक्षिणपंथी विचारधारा के गठबंध को बहुमत

स्टॉकहोम – यूरोप के प्रगत देशों में से एक और निरपेक्षगुट नीति का पुरस्कर्ता रहे स्वीडन के चुनावों में दक्षिणपंथी और परंपरावादी विचारधारा के गठबंधन को बहुमत प्राप्त हुआ है। रविवार को स्वीडन में संसद के ३४९ सीटों के लिए वोटिंग हुई थी। इसके नतीजे बुधवार को घोषित हुए और दक्षिणपंथी विचारधारा के गुट को कांटे की टक्कर में १७६ सीटों पर जीत के साथ बहुमत हासिल होने का ऐलान हुआ। इसके बाद वामपंथी विचारधारा की सरकार चला रहे प्रधानमंत्री मैग्डालेना एंडरसन ने इस्तीफे का ऐलान किया।

स्वीडीश यंत्रणाओं ने घोषित किए नतीज़ों के अनुसार सोशल डेमोक्रैटस्‌‍ के नेतृत्व की वामपंथी विचारधारा के गुट को १७३ सीटों पर जीत हासिल हुई। इसके बनाम आक्रामक दक्षिणपंथी विचारधारा की पार्टी ‘स्वीडन डेमोक्रैटस्‌‍’ की पहल से गठित गठबंधन को १७६ सीटों पर जीत हासिल हुई। साल २०१० में पांच प्रतिशत से अधिक वोट पाकर संसद में प्रवेश करनेवाली ‘स्वीडन डेमोक्रैटस्‌‍’ पार्टी को ७३ सीटें मिली हैं। साल २०१८ की तुलना में इस पार्टी की ११ सीटें बढ़ी हैं। इन नतीज़ों के बाद यह स्वीड़न में दूसरे क्रमांक का बड़ा दल बना है।

‘स्वीडन डेमोक्रैटस्‌‍’ की दक्षिणपंथी विचारधारा के गुट में ‘मॉडरेट पार्टी, ‘लिबरल’ और ‘क्रिस्चन डेमोक्रैटस्‌‍’ दलों का समावेश है। इन नतीज़ों के बाद सरकार का नेतृत्व ‘मॉडरेटस्‌‍’ के प्रमुख उल्फ क्रिस्टर्सन के हाथों में रहेगा। ‘स्वीडन डेमोक्रैटस्‌‍’ का मंत्रिमंड़ल में अहम स्थान होगा, ऐसा कहा जा रहा है। ‘स्वीडन डेमोक्रैटस्‌‍’ के प्रमुख जिमी ऐकेसन ने ‘मेकिंग स्वीडन ग्रेट अगेन’ का ऐलान किया है। इटली की दक्षिणपंथी विचारधारा के नेता मैटिओ सैल्व्हिनी ने ‘स्वीडन डेमोक्रैटस्‌‍’ को प्राप्त हुई सफलता का स्वागत किया।

स्वीडन में हुए इस ऐतिहासिक सत्ता परिवर्तन के पीछे शरणार्थियों की घुसपैठ और इससे पूरे देश में बढ़ी गुनाहगारी ही निर्णायक मुद्दा रहा, यह कहा जा रहा है। शरणार्थियों के गिरोहों ने स्वीडन के प्रमुख शहरों में बड़ा कोहराम मचाया है और हिंसा और अन्य अपराधिक मामलों में ३० प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी होने की जानकारी सामने आयी थी। शरणार्थियों से संबंधित मुद्दे पर ‘स्वीडन डेमोक्रैटस्‌‍’ ने लगातार आक्रामक भूमिका अपनाकर सरकार की नीति पर तीव्र आलोचना की थी। इसका असर चुनावों के नतीजो में दिखाई दिया, यह दावा विश्लेषक कर रहे है।

पिछले दशक में यूरोप में दक्षिणपंथी विचारधारा के गुटों को प्राप्त समर्थन बढ़ने लगा था। जर्मनी, फ्रान्स, इटली, ऑस्ट्रिया, नॉर्वे जैसे देशों में दक्षिणपंथी विचारधारा के दल संसद में प्रवेश करने में सफल हुए थे। इसके बाद पिछले दो सालों में वे पिछड़ रहे हैं, ऐसे दावे किए जा रहे थे। इस पृष्ठभूमि पर स्वीडन में दक्षिणपंथी विचारधारा की पार्टी को प्राप्त हुई सफलता और इनके गठबंधन को बहुमत प्राप्त होना ध्यान आकर्षित करनेवाली घटना है।

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