‘एआरआईए’ कानून की वजह से अमरिका-भारत सहयोग दृढ होगा

वॉशिंगटन: ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र में अमरिका की गतिविधियां जायज करार करने के लिए ‘एशिया रिएश्युरन्स इनिशिएटीव्ह एक्ट’ (एआरआईए) पर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने हस्ताक्षर किये है| इस वजह से यह विधेयक अब कानून में परावर्तित हुआ है| इस से अंतरराष्ट्रीय समुद्री यातायात के नियम ठुकराने पर चीन को रोकने के लिए जरूरी गतिविधी करना ट्रम्प प्रशासन को संभव होगा| साथ ही इस कानून की वजह से ट्रम्प प्रशासन को भारत के साथ बहुउद्देश्य से साझिदारी विकसित करना सहज होगा|

एआरआईए, कानून, वजह से, अमरिका, भारत, सहयोग, दृढ‘एआरआईए’ पर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इनके हस्ताक्षर होना यानी अमरिका की ‘इंडो-पैसिफिक’ नीति पर नई मुहर साबित होती है| इस कानून के ‘सेक्शन २०४’ के अनुसार अमरिका भारत के साथ बने राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा विषयक सहयोग दृढ और व्यापक करने के लिए कदम उठाएगा| यह बात अमरिका के हितसंबंधों के लिए अहम साबित होने का स्पष्ट हुआ है और इस कानून का प्रभावी इस्तेमाल करने की तैयारी अमरिका ने पहले से ही शुरू की है|

अमरिकी नौसेना के ‘पैसिफिक कमांड’ का नाम बदल कर इस कमांड को ‘इंडो-पैसिफिक कमांड’ कहा जा रहा है| यह बदलाव अमरिका के चीन को लक्ष्य करने की नीति का परिपाक है और इसमें भारत को ज्यादा अहमियत दी गई है| साथ ही अब ‘एआरआईए’ कानून होने से भारत और अमरिका के बीच में बना सहयोग नई उंचाई प्राप्त करने के संकेत प्राप्त हो रहे है| ‘एआरआईए’ कानून लागू करने के लिए लगभग १.५ अरब डॉलर्स का प्रावधान किया गया है| यह प्रावधान पांच साल के लिए रहेगा, यह भी बताया गया है|

यह राशि अमरिका के इस क्षेत्र में सहयोगी देशों की सामरिक क्षमता में बढोतरी करने के लिए इस्तेमाल होगी| इस वजह से अमरिका की ‘इंडो-पैसिफिक’ नीति और भी सुस्पष्ट हुई है और यह चीन की चिंता में बढोतरी करने की बात साबित हो सकती है| केवल भारत ही नही, बल्कि जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ अमरिका का सहयोग और भी पुख्ता होंगा| अमरिका के इस नीति पर जल्द ही चीन की प्रतिक्रिया प्राप्त होने की संभावना है|

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