भारत के प्रधानमंत्री को अमरीका का ‘लिजन ऑफ मेरिट’ सम्मान

वॉशिंग्टन – अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘लिजन ऑफ मेरिट’ से सम्मानित किया है। प्रधानमंत्री मोदी समेत ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन तथा जापान के पूर्व प्रधानमंत्री ऍबे शिंजो को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओब्रायन के हाथों दिये गये इस पुरस्कार का स्वीकार, अमरीका में नियुक्त भारत के राजदूत तरनजित सिंग संधू ने प्रधानमंत्री मोदी की ओर से किया। इस सम्मान से मैं गौरवान्वित हुआ हूँ, ऐसी प्रतिक्रिया प्रधानमंत्री मोदी ने दी।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत और अमरीका के बीच का सामरिक सहयोग नयी ऊँचाई पर पहुँचा है। इसके लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया है, ऐसा अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा है। ‘भारत और अमरीका के बीच सामरिक साझेदारी विकसित करने के लिए किये प्रयासों को मिली यह सफलता है’, ऐसा कहते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान पर आभार व्यक्त किये हैं। २१ वीं सदी हमारे सामने कई नयीं चुनौतियाँ और अवसर भी लेकर आयी है। भारत-अमरीका के बीच का सहयोग, दोनों देशों की जनता में होनेवाली प्रचंड क्षमता का इस्तेमाल करेगा और उसका सारी मानवता को लाभ मिलेगा, ऐसा विश्‍वास प्रधानमंत्री मोदी ने इस उपलक्ष्य में ज़ाहिर किया है।

आन्तर्राष्ट्रीय चुनौतियों को मात देने के लिए पहल करनेवाले ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन को संयुक्त सुरक्षा की संकल्पना का पुरस्कार करने के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, ऐसा अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओब्रायन ने कहा है। वहीं, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र मुक्त और खुला रहें, इसके लिए दिखायी दूरदर्शिता तथा नेतृत्व इसके लिए जापान के पूर्व प्रधानमंत्री ऍबे शिंजो को ‘लिजन ऑफ मेरिट’ से गौरवान्वित किया जा रहा है, ऐसा ओब्रायन ने स्पष्ट किया।

अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत ने एकसाथ होकर, चीन की वर्चस्ववादी नीतियों के खिलाफ़ क्वाड की स्थापना की। यह संगठन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र मुक्त और खुला रहें इसके लिए प्रयास करके इस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्‍चित करेगा, ऐसा यक़ीन दिलाया जाता है। लेकिन क्वाड की स्थापना उसे रोकने के लिए ही हुई है, ऐसी चीन की भावना है। कुछ दिन पहले रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लॅव्हरोव्ह ने भी, क्वाड यानी चीन को रोकने की कोशिश होकर, उसमें भारत सहभागी ना हों, ऐसा सूर अलापा था।

लेकिन लद्दाख की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा से लेकर हिंद महासागर क्षेत्र तक, चीन भारत के विरोध में उक़साऊ हरकतें कर रहा है। ऐसी स्थिति में क्वाड में सक्रिय होकर चीन को जवाब देने के अलावा, भारत के सामने और कोई चारा ही नहीं होने का एहसास भारत ने रशिया को करा दिया था।

इस पृष्ठभूमि पर, क्वाड के सदस्य होनेवाले भारत, ऑस्ट्रेलिया तथा जापान के नेताओं को ‘लिजन ऑफ मेरिट’ सम्मान प्रदान करके, अमरीका ने चीन समेत सारी दुनिया को संदेश दिया हुआ दिख रहा है। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के बारे में अमरीका की भूमिका सुस्पष्ट होकर, इस क्षेत्र पर किसी एक देश का वर्चस्व नहीं होना चाहिए, ऐसा दावा अमरीका ने किया है। इस क्षेत्र की सुरक्षा के लिए भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया अपनी भूमिका अदा करें, ऐसा आग्रह अमरीका ने रखा था। चीन की आक्रामकता बढ़ने के बाद, सन २०१७ से क्वाड अधिक ही सक्रिय हुआ होने का दावा विश्‍लेषक कर रहे हैं।

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