अमरिकी फेडरल रिज़र्व ने ब्याजदर ०.७५ प्रतिशत बढ़ाया

वॉशिंग्टन – बुधवार को अमरिकी सेंट्रल बैंक ‘फेडरल रिज़र्व’ ने ब्याजदर ०.७५ प्रतिशत बढ़ाने का ऐलान किया। इसके बाद अमरीका में ब्याजदर ३.२५ प्रतिशत हुआ और यह २००८ के बाद का उच्चांक है। यह ऐलान करने के साथ ही फेडरल रिज़र्व ने साल २०२३ तक ब्याजदर बढ़ाकर ४.६ किया जाएगा, ऐसे संकेत भी दिए। फेडरल रिज़र्व के इस ऐलान की अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में बड़ी गूंज सुनाई दी। अमरीका के साथ एशियन और यूरोपियन शेअर बाज़ारों में भी गिरावट आई और कई मुद्राओं के मूल्यों में भी भारी गिरावट आई है।

अमरीका में महंगाई भारी उछाल पर है और महंगाई दर भी आठ प्रतिशत तक पहुँचा है। अगस्त में ८.३ प्रतिशत दर दर्ज़ हुआ। इस बढ़ोतरी के बाद फेडरल रिज़र्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने अमरिकी जनता को और कुछ समय तक दर्द बर्दाश्त करना पडेगा, ऐसी चेतावनी दी थी। लगातार तीसरी बार ब्याजदर ०.७५ प्रतिशत बढ़ोतरी करके पॉवेल ने अपना शब्दों को वास्तव में उतारा दिख रहा है। पिछले सात महीनों में फेडरल रिज़र्व ने ब्याज दरों की बढ़ोतरी करने करने का यह पांचवा अवसर है।

फेड के इस निर्णय की तीव्र गूंज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुनाई दी। अमरीका के साथ यूरोप और एशिया के शेअर बाज़ारों में भारी गिरावट आई। एशिया के शेअर बाज़ार दो साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंचे हैं। इनमें जापान समेत दक्षिण कोरिया, चीन और हाँगकाँग के शेअर बाज़ारों का समावेश है। इसी बीच यूरोप के प्रमुख शेअर बाज़ारों में लगातार दूसरे दिन एक प्रतिशत से अधिक गिरावट देखी गई। अमरिकी शेअर बाज़ारों में भारी उतार-चढ़ाव जारी है और कुछ निदेशांकों में अधिक गिरावट आ सकती है, ऐसे संकेत भी प्राप्त हुए हैं।

शेअर बाज़ारों के बाद मुद्रा बाज़ार में भी बड़ी उथल-पुथल शुरू हुई है। ब्याजदर में बढ़ोतरी के ऐलान के बाद जापान की येन मुद्रा प्रति डॉलर विक्रमी १४५ के स्तर तक पहुँची थी। जापान की सेंट्रल बैंक ने विदेशी मुद्रा भंड़ार के माध्यम से बड़ी मात्रा में हस्तक्षेप करके येन को १४० के स्तर तक नीचे लाने की सफलता पाई है। जापान की केंद्रीय बैंक ने विदेशी मुद्रा भांड़ार के माध्यम से भारी मात्रा में हस्तक्षेप करने का साल १९९८ के बाद यह पहला अवसर है। येन के अलावा ब्रिटीश पौण्ड एवं यूरो के मूल्यों में भी गिरावट आई। प्रति डॉलर के सामने यूरो का मूल्य एक से भी कम हुआ है। इसी दौरान ब्रिटीश पौण्ड ३७ सालों के न्यूनतम स्तर पर पहुँचा है।

अमरिकी फेडरल रिज़र्व ने ब्याजदर में बढ़ोतरी करने के बाद यूरोप के स्वित्ज़र्लैण्ड और नॉर्वे’ ने भी ब्याजर बढ़ोतरी का ऐलान किया। स्विस सेंट्रल बैंक ने भी ब्याजदर में ०.७५ प्रतिशथ बढ़ोतरी की है। पिछले १५ सालों में इस तरह से बढ़ोतरी करने का यह दूसरा अवसर है। इसी बीच नॉर्वे की सेंट्रल बैंक ने आधा प्रतिशत बढ़ोतरी की है। अगले कुछ दिनों में ‘रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया’ द्वारा भी ब्याजदर बढ़ाने की संभावना है और यह बढ़ोतरी ०.७५ से ०.८० प्रतिशत रहेगी, यह अनुमान लगाया गया है।

ब्याजदर बढ़ोतरी का ऐलान करने के साथ ही फेडरल रिज़र्व ने मंदी के भी संकेत दिए हैं। लेकिन, महंगाई को काबू करने के लिए ब्याजदर में बढ़ोतरी जारी रखी जाएगी और अगले साल तक अमरीका में ब्याजदर बढ़ाकर ४.६ प्रतिशत किया जाएगा, ऐसा फेड ने कहा है। अमरीका के इतिहास में सबसे बड़ी बढ़ोतरी साबित होगी, ऐसा कहा जा रहा है। लेकिन, इस बढ़ोतरी के कारण अमरिकी  अर्थव्यवस्था को बड़ी मंदी से नुकसान होगा, ऐसी चेतावनी भी आर्थिक विशेषज्ञों ने दी। अमरीका को मंदी से नुकसान पहुँचा तो वैश्विक अर्थव्यवस्था भी मंदी से घिर जाएगी ऐसा ड़र है, ऐसा इशारा वर्ल्ड बैंक एवं मुद्राकोष ने पहले ही दिया है।

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