जापान के उपर से छोडा मिसाइल लष्करी कारवाई का पहला स्तर- उत्तर कोरिया का इशारा

सेउल: जापान की हवाई सीमा से मिसाइल छोड़ना यह गलती नहीं, पर प्रशांत महासागर में लष्करी कारवाई का पहला स्तर था। आने वाले समय में ऐसे अनेक परीक्षण होते रहेंगे, यह धमकी उत्तर कोरिया ने दी है। उसी के साथ, यह मिसाइल परीक्षण अमरीका के भड़काऊ गतिविधियों के विरोध में होने की बात भी उत्तर कोरिया के मुखपत्र से कही गई है।

लष्करी कारवाई

करीब २७०० किलोमीटर अंतर की यात्रा करके जापान की उत्तर सीमा लांघकर समंदर में गिरने वाले उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण की वजह से इस क्षेत्र में तनाव बहुत बढा है। उत्तर कोरिया अपने मिसाइल परीक्षण पर कायम है। जापान और दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया के विरोध में अधिक आक्रामक भूमिका ली है। उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण के विरोध में जापान और दक्षिण कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद के पास जाकर उत्तर कोरिया पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।

सुरक्षा परिषद उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध अधिक कठोर करे, ऐसा आवाहन जापान और दक्षिण कोरिया कर रहा है। पर प्रतिबंध कठोर करने से भी उत्तर कोरिया पर उसका परिणाम होने वाला नहीं, यह दावा रशिया कर रहा है। पिछले कई वर्षों से प्रतिबंध जारी करने के बाद भी उत्तर कोरिया का परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रम अबाधित शुरू है। जिसकी वजह से उत्तर कोरिया का यह प्रश्न प्रतिबद्धता से नहीं सुलझेगा, यह दावा रशिया के विदेश मंत्रालय ने किया है।

उत्तर कोरिया की आक्रामकता को मोड देने के लिए चीन पहल करें, यह आवाहन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री तेरेसा मे ने किया है। ब्रिटेन उत्तर कोरिया पर कठोर कार्यवाही कर सकता है, पर उसके पहले चीन उत्तर कोरिया को नियंत्रित करने का प्रयत्न करें, ऐसा आवाहन उन्होंने किया है।

दौरान, उत्तर कोरिया ने छोडा मिसाइल जापान के ऊपर से उड़ान भरने से इस क्षेत्र में तनाव बढ़ा है। जिससे रशिया ने कोरियन सीमा क्षेत्र के पास अपनी लष्करी गतिविधि बढ़ाई है। रशिया ने उत्तर कोरिया की सीमा के पास रहने वाले करीब १५०० नागरिकों को सुरक्षित जगह पहुंचाने की जानकारी सामने आयी है। इससे पहले भी रशिया ने कोरियन सीमा के पास लश्कर की बहुत बड़ी तैनाती की थी।

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