अमरीका की अर्थव्यवस्था जल्द ही ढ़ह जाएगी – आर्थिक विशेषज्ञ नुरिअल रुबिनी का अनुमान

वॉशिंग्टन – महंगाई में उछाल, बढ़ती बेरोज़गारी और उत्पादन की गिरावट की वजह से अमरिकी अर्थव्यवस्था जल्द ही ढ़ह जाएगी, यह अनुमान आर्थिक विशेषज्ञ नुरिअल रुबिनी ने दर्ज़ किया है। महंगाई को रोकने के लिए फेडरल रिज़र्व ने ब्याज़दर बढ़ाने के कारण कर्ज़ का भार भी बढ़ रहा है और इससे आर्थिक विकास को ब्रेक लगेगा, यह चेतावनी भी उन्होंने दी। रुबिनी ने इससे पहले साल २००८-०९ की आर्थिक मंदी का अनुमान पहले ही व्यक्त किया था। इस वजह से उन्होंने अमरीका की अर्थव्यवस्था का दिया हुआ इशारा पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित कर रहा है।

‘महंगाई को रोकने के लिए फेडरल रिज़र्व को ब्याजदर पांच प्रतिशत तक बढ़ाने होंगे, यह संभावना है। फेड ने यह निर्णय किया तो अमरीका का आर्थिक विकास ठप हो जाएगा। बेरोजगारी में बड़ी बढ़ोतरी होगी और कर्ज़ के संकट की तीव्रता बढ़ेगी। शेअर बाज़ार, बांड़ मार्केट और गृह कर्ज़ का बाज़ार भी गिरावट का सामना करेगा, ऐसी चेतावनी रुबिनी ने दी। फेडरल रिज़र्व यदि ब्याजदर बढ़ाने की नीति से पीछे हटती है तो अमरीका में महंगाई बेकाबू हो जाएगी, यह इशारा भी अमरिकी आर्थिक विशेषज्ञों ने दिया।

फेडरल रिज़र्व मंदी से बचने की कोशिश कर रही थी। लेकिन, कोरोना की महामारी और महंगाई के कारण फेडरल रिज़र्व ही अमरीका की अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर ले जाएएगी, यह दावा भी रुबिनी ने किया। ज़रूरी सामान की आपूर्ति में मुश्किलें और कर्ज़ के भार के कारण उभर रहा आर्थिक संकट एकसाथ निर्माण होने से अर्थव्यवस्था के लिए घातक होता है, इस पर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया। साल २०२२ में लगातार दो तिमाही में अमरिकी अर्थव्यवस्था ने नकारात्मक विकासदर दर्ज़ किया है। यह बात आर्थिक मंदी की द्योतक है, फिर भी अमरिका का बायडेन प्रशासन इसे मानने के लिए तैयार नहीं है। लेकिन, रुबिनी समेत कई शीर्ष आर्थिक विशेषज्ञ और विश्लेषक अमरिकी अर्थव्यवस्था मंदी में होने का बयान करके खतरे का अहसास करा रहे हैं।

इसी बीच, अमरीका के साथ ही यूरोपिय अर्थव्यवस्था भी मंदी की ओर बढ़ने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। ईंधन और ऊर्जा क्षेत्र के संकट से बचने के लिए कितनी भी आर्थिक सहायता का ऐलान किया जाए तब भी जर्मनी आर्थिक मंदी टाल नहीं सकेगा, ऐसा इशारा ‘ब्लूमबर्ग’ के विश्लेषकों ने दिया है। दो दिन पहले जर्मनी ने ऊर्जा क्षेत्र के संकट को टालने के लिए ६५ अरब युरो के पैकेज का ऐलान किया था।

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