अमरिकी विमान वाहक युद्धपोत की ‘शॉक ट्रायल’ सफल

uss-ford-full-ship-shock-trials-2वॉशिंग्टन – अगले वर्ष के दौरान अमरिकी नौसेना के बेड़े का हिस्सा होने के लिए तैयार ‘यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड’ नामक अतिप्रगत विमान वाहक युद्धपोत की क्षमता का बीते हफ्ते परीक्षण किया गया। अमरिकी सेना ने २० टन बारूद से भरे बम का विस्फोट करके इस युद्धपोत का ‘शॉक ट्रायल’ किया। यह परीक्षण सफल होने की जानकारी अमरिकी सेना ने साझा की। लेकिन, इस परीक्षण की वजह से अमरीका के पूर्वीय तट पर भूकंप के झटके महसूस होने की जानकारी प्राप्त हो रही है। शत्रु के मिसाइल हमलों में यह युद्धपोत और इसकी यंत्रणा किस हद तक स्थिर रह सकती है, इसका परीक्षण किया गया।

बीते कई वर्षों से अमरिकी नौसेना की विश्‍वभर में चल रही मुहिमों में शामिल हो रहे विमान वाहक युद्धपोतों के स्थान पर अतिप्रगत और अतिविशाल विमान वाहक युद्धपोत तैनात करने की दिशा में अमरीका की कोशिश हो रही है। इसके लिए ‘फोर्ड’ वर्ग की विमान वाहक युद्धपोतों का काफी तेज़ निर्माण हो रहा है और इनमें से ‘सीवीएन ७८’ यानी ‘गेराल्ड आर फोर्ड’ नामक पहले विमान वाहक युद्धपोत का समुद्री परीक्षण किया जा रहा है। परमाणु ऊर्जा पर चलनेवाली इस युद्धपोत ने परीक्षण के दौरान अधिकांश उद्देश्‍य प्राप्त किए हैं। अमरिकी नौसेना ने बीते हफ्ते इस युद्धपोत का ‘फुल शिप शॉक ट्रायल्स-एफएसएसटी’ परीक्षण किया।

uss-ford-full-ship-shock-trials-1-300x200इसके अनुसार करीबन १ लाख टन भार के इस विमान वाहक युद्धपोत के करीब २० टन भार के बम का विस्फोट किया गया। इतने शक्तिशाली विस्फोट में युद्धपोत का बाहरी ढ़ाचा एवं अंदर का परमाणु संयंत्र एवं संपर्क यंत्रणा कार्यरत रहना ज़रूरी होता है। युद्धपोत या इसके अंदर की यंत्रणा का नुकसान हुआ तो इससे प्रत्यक्ष युद्ध के दौरान काफी बड़ा झटका लग सकता है, प्रचंड़ मात्रा में जीवित हानी भी हो सकती है। इसी कारण युद्धपोतों के लिए ‘शॉक ट्रायल्स’ अहम माने जाते हैं।

इसी बीच लगभग दस दिन पहले चीनी सेना ने विमान वाहक युद्धपोत विरोधी मिसाइल के परीक्षण करने की खबरें प्राप्त हुई थीं। इसी के साथ रशियन नौसेना भी बीते कुछ दिनों से पैसिफिक महासागर में शत्रु के विमान वाहक युद्धपोतों पर हमले करने का अभ्यास कर रही है। रशियन विध्वंसक अमरीका के हवाई द्विपों तक पहुँचने के आरोप भी हुए थे। ऐसी स्थिति में अमरीका ने किए इस ‘शॉक ट्रायल’ की गंभीरता बढ़ रही है।

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