चीन की बढती महत्वाकांक्षा एवं आक्रामकता का संज्ञान लेकर अमरिका ने रक्षा खर्च के लिए किया ७१८ अरब डॉलर्स का प्रावधान

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन – चीन काफी आक्रामकता से लष्कर का आधुनिकीकरण कर रहा है| उसके लिए अमरिका के साथ दुनियाभर के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की चोरी कर रहा है| लष्करी एवं नागरी क्षेत्र को साथ मिलाते हुए रक्षा क्षेत्र में वर्चस्व प्राप्त करने की धारणा चीन ने बनाई है, ऐसे शब्दों में चीन की लष्करी महत्वाकांक्षा का एहसास कराते हुए अमरिका के हंगामी रक्षामंत्री पैट्रिक शैनाहन ने ७१८ अरब डॉलर्स के रक्षा खर्च की मांग संसद के सामने रखी है| पिछले वर्ष अमरिका के तत्कालीन रक्षामंत्री जेम्स मैटिस ने घोषित किए नेशनल डिफेंस स्ट्राटेजी में बड़े राष्ट्रों में वर्चस्व का संघर्ष प्राथमिकता से लड़ा जाएगा ऐसे स्पष्ट संकेत दिए गए थे|

हंगामी रक्षामंत्री पैट्रिक शैनाहन इनके साथ रक्षादल प्रमुख जनरल जोसेफ डनफोर्ड ने सामने रखे रक्षाखर्च का प्रस्ताव राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दिए ७५० अरब डॉलर्स की सूचना के अनुसार तैयार किया गया है| ट्रम्प ने पिछले वर्ष दिसंबर महीने में रक्षा खर्च के लिए ७५० अरब डॉलर्स की मांग करने को प्राथमिकता से मंजूरी दी थी| २०२० के लिए प्रस्तावित किए ७१८ अरब डॉलर की मांग २०१९ वर्ष के प्रावधान की तुलना में लगभग ५ प्रतिशत बढ़त दिखाने वाली है|

अमरिका अभीतक इस्लामिक आतंकवाद के विरोध में संघर्ष कर रही है और उस समय रशिया का खतरा कायम होने का एहसास है| पर चीन के लष्करी वर्चस्व का खतरा फिलहाल महत्वपूर्ण है, ऐसा कहकर शैनाहन ने रक्षा विभाग का जोर आगे चलकर चीन को रोकने पर होगा ऐसी गवाही दी है|

रक्षाखर्च बढ़ाते समय चीन के साथ रशिया के स्पर्धा का उल्लेख भी किया गया है और परमाणु शस्त्र की क्षमता अंतरिक्ष युद्ध, सायबर क्षेत्र में संघर्ष पर जोर दिया गया है| परमाणु क्षेत्र की क्षमता बढ़ाने के लिए २५ अरब डॉलर्स का प्रावधान किया गया है और अंतरिक्ष क्षेत्र में तैयारी के लिए १४ अरब डॉलर्स का निधि दिया गया है| सायबर क्षेत्र में तैयारी के लिए ९.६ अरब डॉलर्स, ड्रोन्स के लिए ३.७ अरब डॉलर्स तथा हाइपरसोनिक शस्त्र के लिए २.६ अरब डॉलर्स के निधि का प्रस्ताव दिया गया है|

भविष्य में युद्ध सिर्फ हवा जमीन एवं समुद्र में नहीं लड़े जाएंगे, बल्कि अंतरिक्ष एवं सायबर क्षेत्र भी समाविष्टित होनेवाला है| इसकी वजह से युद्ध में पेच अधिक बढ़नेवाला है| यह ध्यान में लेकर सभी क्षेत्रों की क्षमता बढ़ाना एवं उसका आधुनिकीकरण करने का उद्देश्य नए बजट में रखा गया है| स्पर्धा, नई संकल्पना और तैयारी इनके माध्यम से सामर्थ्य का प्रदर्शन यह रक्षा विभाग ने प्रस्तुत किए बजट का मुख्य हेतु है, ऐसे शब्दों में हंगामी रक्षा मंत्री पैट्रिक शैनाहन ने प्रावधान का समर्थन किया है|

रक्षादल प्रमुख जनरल डनफोर्ड ने उसे समर्थन दिया है| चीन एवं रशिया ने प्राप्त की हुई क्षमताओं की वजह से अमरीकी लष्कर की गतिविधियों पर मर्यादा आती दिखाई दे रही है| बजट में किए मांग में अमरिका के सामर्थ्य की सही पहचान होगी एवं संभाव्य खतरों की पृष्ठभूमि पर हितसंबंध सुयोग्य रूप से संभाले जाएंगे, इस पर ध्यान दिया गया है, ऐसे शब्दों में रक्षादल प्रमुख ने प्रतिक्रिया दी है|

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