ईरान के साथ शुरू ईंधन व्यापार के मुद्दे पर अमरिका ने लगाए प्रतिबंधों को लेकर चीन की नाराजगी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबीजिंग/वॉशिंग्टन: ‘चीन ने एकतरफा प्रतिबंध और अडियलता से उसपर अंमल करने के लिए हमेशा विरोध किया है| अमरिका की अकडबाजी चीन कभी भी बर्दाश्त नही करेगा| ईरान के साथ हमारा सहयोग पूरी तरह से कानूनी है और इसका आदर करना होगा| अमरिका अपनी गलती सुधारें’, इन शब्दों में चीन के विदेश विभाग के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने अमरिका को चेतावनी दी है| अमरिका ने ईरान के साथ ईंधन व्यापार रखने पर चीन के विरोध में प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है और इसपर चीन ने कडी प्रतिक्रिया दर्ज की है|

पिछले वर्ष से अमरिका ने ईरान पर कडे प्रतिबंध लगाना शुरू किया था| अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ ईंधन व्यापार करनेवाले किसी भी देश को खुला नही छोडेंगे, यह संकेत स्पष्ट शब्दों में दिए थे| अमरिका के इन प्रतिबंधों का झटका ईरान से बडी तादाद में ईंधन व्यापार कर रहे चीन और अन्य देशों को लगा है| कई देशों ने अमरिका के प्रतिबंधों के दबाव में आकर ईरान के साथ शुरू ईंधन व्यापार पूरी तरह से बंद किया था| वही, कुछ देशों ने इस व्यापार में बडी कमी की थी| लेकिन, चीन ने ईरान के साथ शुरू ईंधन व्यापार कायम रखा था|

इस वर्ष के शुरू से ही चीन ने ईरान से करीबन डेढ करोड बैरल्स ईंधन आयात किया है| यह ईंधन चीन ने ‘ऑइल डिपो’ में जमा रखा है, यह जानकारी भी सामने आयी थी| कुछ समय बाद ईरान पर लगाए प्रतिबंध अमरिका कम करेगी, यह अंदाजा करके चीन ने यह ईंधन जमा किया है, यह दावा हो रहा था| लेकिन, असल में अमरिका ने ईरान के विरोध में रखे प्रतिबंध और भी कडे करना शुरू किया है| अमरिका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने चीन के विरोध में प्रतिबंध लगाने का किया ऐलान इसी का हिस्सा है|

‘अमरिका ने लगाए प्रतिबंधों का भंग करनेवाले हर एक देश को कडे प्रतिबंधों का सामना करना होगा| चीन और अन्य सभी देश यह बात ठिक से ध्यान में रखें| ईरान और ईरान के अलग अलग उपक्रमों के साथ व्यापार करनेवालों को कौन से परिणाम भुगतने होंगे, इसकी जानकारी अमरिका सभी देशों को लगातार दे रही है और आगे भी देती रहेगी| जो भी कोई अमरिका की चेतावनी सुने बिना व्यवहार जारी रखेंगे, उन्हें कडी सजा दी जाएगी’, इन शब्दों में विदेशमंत्री पोम्पिओ ने चीन पर लगाए प्रतिबंधों का ऐलान किया|

अमरिका के विदेशमंत्री ने किए ऐलान के अनुसार चीन के पांच अफसरों के साथ छह कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए गए है| इसमें चीन और ईरान के बीच ईंधन की यातायात करनेवाली ‘कॉस्को शिपिंग’ इस कंपनी के दो उपक्रमों का भी समावेश है|

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