पश्‍चिमी देशों ने भेजे सिर्फ ३० प्रतिशत हथियार ही यूक्रेन की सेना को प्राप्त हुए – ७० प्रतिशत हथियारों का गबन होने का अमरिकी वृत्तसंस्था का आरोप

मास्को/किव – यूक्रेन की सेना के लिए नाटो द्वारा भेजा गया तकरीबन ४५ हज़ार टन गोला-बारूद रशियन सेना ने नष्ट किया। अपनी सेना ने यूक्रेन की सेना के और पांच ‘आर्म्स डिपो’ नष्ट किए, यह जानकारी रशिया ने साझा की है। इसके साथ ही अमरीका और अन्य पश्‍चिमी देशों द्वारा भेजे गए अरबों डॉलर्स के हथियारों में से सिर्फ ३० प्रतिशत हथियार ही यूक्रेन की सेना के हाथ लग रहे हैं, ऐसी सनसनीखेज जानकारी सामने आयी है। एक अमरिकी वृत्तसंस्था ने यह जानकारी जारी की है और इसकी गूंज सुनाई दे रही है।

यूक्रेन के निकोलाईव प्रांत के वेझ्नीसिय्‌न्स्की क्षेत्र के अड्डे पर नाटो द्वारा प्रदान किया गया तकरीबन ४५ हज़ार टन गोला-बारूद यूक्रेन की सेना ने रखा था। यह पूरा सामान रशियन सेना के जोरदार हमले में नष्ट किया गया, ऐसी जानकारी रशिया के रक्षा मंत्रालय ने साझा की। इसके अलावा यूक्रेन की सेना का गोला-बारूद और हथियारों का भंड़ार मौजूद होनेवाले अन्य पांच ‘आर्म्स डिपो’ भी रशियन सेना ने नष्ट कर दिए, ऐसा दावा रशियन रक्षा मंत्रालय ने किया। रशिया ने रविवार को यह जानकारी प्रदान करने के बाद अमरीका की एक वृत्तसंस्था ने यूक्रेन को अमरीका और पश्‍चिमी देशों द्वारा प्रदान हो रहे हथियारों के विषय में चौंकानेवाली खबर जारी की है।

रशिया के खिलाफ लड़ने के लिए अमरीका ने यूक्रेन को अब तक तकरीबन ५४ अरब डॉलर्स के हथियार सहायता के रूप में देने के लिए मंजूरी प्रदान की है। इस दौरान ब्रिटेन ने यूक्रेन की सेना के लिए तकरीबन ३ अरब डॉलर्स की सहायता घोषित की है और यूरोपिय महासंघ ने २.५ अरब डॉलर्स के हथियार यूक्रेन को प्रदान करने का ऐलान किया था। इनमें आधुनिक राइफल्स, ग्रेनेडस्‌, टैंक विरोधि मिसाइल्स और मल्टिपल लौंच रॉकेट सिस्टम्स का समावेश है। इन सभी हथियारों की सहायता पोलैण्ड के ज़रिये यूक्रेन तक पहुँचाई जा रही है, ऐसा दावा किया जा रहा हैं। लेकिन, सीमा पार करने के बाद यह हथियार यूक्रेन की सेना के हाथ पूरे नहीं पहुँचते। यूक्रेन के लिए भेजे गए इन हथियारों में से मात्र ३० प्रतिशत हथियार ही यूक्रेन की सेना तक पहुँचते हैं, यह दावा अमरिकी वृत्तसंस्था ने किया।

पश्‍चिमी देशों के यह हथियार अलग ही स्थान पर पहुँच रहे हैं। हथियारों का अवैध व्यापार करनेवाले, राजनीतिक सत्ता से जुड़े हथियारों का अवैध कारोबार करनेवाले इसका लाभ उठा रहे हैं, यह आरोप लगना शुरू हुआ है। इससे पहले एक अमरिकी समाचार चैनल ने यूक्रेन के लिए भेजे गए हथियारों का गबन हो रहा है, ऐसे दावे किए जा रहे थे। यह हथियार कहां जाते हैं, यह बात अच्छी तरह से किसी को ज्ञात नहीं है, ऐसा दावा इस समाचार चैनल ने किया था। इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी वृत्तसंस्था ने साझा की हुई खबर को रशियन माध्यमों ने बड़ी अहमियत दी है।

एक ओर अमरीका और पश्‍चिमी देश यूक्रेन के लिए अरबों डॉसर्ल के हथियार भेजने का ऐलान कर रहे हैं, तो दूसरी ओर यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ज़ेलेन्स्की अभी भी यह आरोप लगा रहे है कि, हमारी सेना को पश्‍चिमी देश उम्मीद के अनुसार सहायता प्रदान नहीं कर रहे हैं। अपर्याप्त सैन्य सहयता की वजह से यूक्रेन की सेना ताकतवर रशियन सेना के सामने टिक नहीं पाती, यह अफसोस यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ने बार-बार व्यक्त किया था। इस वजह से अमरीका और पश्‍चिमी देशों ने भेजे हथियारों में से सिर्फ ३० प्रतिशत हतियार यूक्रेन की सेना तक पहुंच रहे हैं, ऐसी चौंकानेवाली जानकारी सामने आने से राजनीतिक स्तर पर गूंज सुनाई दे रही है। इसी कारण हम यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करने के निर्णय के विरोध में थे, यह दावा अमरिकी रिपब्लिकन पार्टी की सदस्या मार्जोरी टेलर ग्रीन ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published.