‘टू प्लस टू’ चर्चा सफल एवं निर्णायक रही – अमरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस

वाशिंग्टन: भारत और अमरिका में टू प्लस टू चर्चा अत्यंत सफल और निर्णायक ठहरी है और कॉमकासा करार की वजह से दोनों देशों में रक्षा विषयक सहयोग अधिक सक्षम होने वाला है, ऐसा विश्वास अमरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने व्यक्त किया है। दोनों देशों के सामरिक विश्लेषक भारत एवं अमरिका में संपन्न हुई यह चर्चा ऐतिहासिक होने का दावा करके उस पर समाधान व्यक्त कर रहे हैं।

टू प्लस टू चर्चा, सफल, निर्णायक, रक्षा मंत्री, जेम्स मैटिस, अमरिका, भारतपिछले हफ्ते में भारत और अमरिका के विदेश मंत्री एवं रक्षा मंत्रियों में टू प्लस टू चर्चा संपन्न हुई थी। जापान और ऑस्ट्रेलिया इन देशों के साथ आजतक अमरिका ने टू प्लस टू चर्चा की थी। पर पहली बार भारत के साथ ऐसी चर्चा शुरू करके अपने विदेश एवं रक्षा विषयक धारणा में भारत को असाधारण स्थान होने का संदेश दुनिया को दिया है। इस चर्चा के बारे में अमरिका के रक्षा मुख्यालय पेंटागौन में रक्षा मंत्री मैटिस ने माध्यमों से संवाद किया है।

यह टू प्लस टू चर्चा मतलब दोनों देशों के संबंधों में ऐतिहासिक स्तर होने की बात मैटिस ने कही है। दुनिया में सबसे बड़े जनतंत्र वादी देशों में हुई यह चर्चा अत्यंत सफल रही है। दोनों देशों का सहयोग योग्य दिशा से आगे जा रहा है, ऐसा दावा भी उन्होंने किया है। टू प्लस टू चर्चा की वजह से हुए निर्णय और कम्युनिकेशंस कंपेटिबिलिटी सिक्योरिटी एग्रीमेंट (कॉमकासा) की वजह से दोनों देशों में द्विपक्षीय संबंध अधिक सक्षम होंगे, रक्षा क्षेत्र में सहयोग के अनेक मार्ग खुलेंगे, ऐसा मैटिसने कहा है। पिछले कई वर्षों में भारत और अमरिका अधिक नजदीक आ रहे हैं, ऐसा कहकर उसपर भी अमरिका के रक्षा मंत्री ने समाधान व्यक्त किया है।

दौरान भारत और अमरिका में हुए कॉमकासा करार को दुनिया भर के माध्यमों ने प्रसिद्धि दी है। इस करार की वजह से भारत को अत्यंत संवेदनशील एवं प्रगत तंत्रज्ञान अमरिका से सहज मिल सकता है। तथा उपग्रहों से मिलनेवाली जानकारी भी अमरिका भारत को प्रदान कर सकता है। तथा अमरिका को भी भारत से जानकारी का स्रोत उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही दोनों देशों में रक्षा एवं विदेश मंत्रियों के हॉटलाइन शुरू करने का निर्णय इस चर्चा में लिया गया है। इसकी वजह से निर्णय प्रक्रिया में होनेवाली देरी दूर होगी और तत्काल निर्णय लिए जाएंगे, ऐसा विश्वास दोनों देशों के नेताओं ने व्यक्त किया है।

भारत और अमरिका में हुए इस करार पर पाकिस्तान एवं चीन इन पड़ोसी देशों से अपेक्षित प्रतिक्रिया उमड़ रही है और इन देशों में सामरिक विश्लेषकों ने इस पर चिंता व्यक्त की है।

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