देश में प्रतिदिन दो लाख ‘पीपीई किटस्‌’ का निर्माण

नई दिल्ली – कोरोना वायरस के मरीज़ों पर इलाज कर रहें डाक्टर्स, नर्सेस और अन्य वैद्यकीय श्रमिकों का सुरक्षा कवच बनें ‘पर्सनल प्रोटेक्टिव एक्विपमेंट (पीपीई) किटस्‌’ का अब देश में ही युद्धस्तर पर निर्माण हो रहा हैं। देश में प्रतिदिन करीबन दो लाख ‘पीपीई किटस्‌’ का निर्माण शुरू होने की जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय ने साझा की। इससे पहले भारत में ‘पीपीई किटस्‌’ का निर्माण नहीं हो रहा था। लेकिन अब कोरोना वायरस की महामारी फैलने के कारण, डीआरडीओ समेत भारत की अन्य कंपनियों ने भी तेज़ी से पीपीई किटस्‌ का निर्माण शुरू किया है।

देश में कोरोना वायरस का फैलाव होने पर सरकार ने अन्य देशों से पीपीई किटस्‌ की आयात की। लेकिन मरीज़ों की बढ़ती संख्या के कारण पीपीई किटस्‌ की किल्लत महसूस हो रही थी। इसके बाद देश में ५२ निजी कंपनियों ने पीपीई किटस्‌ का निर्माण शुरू किया। इसमें डीआरडीओ और ऑर्ड़िनन्स फैक्टरी बोर्ड युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। फिलहाल प्रतिदिन दो लाख पीपीई किटस्‌ देश में तैयार हो रहे हैं। दो मई के दिन, देश में तैयार होनेवालें पीपीई किटस्‌ की संख्या दो लाख से भी अधिक हुई थी। यह दो महीनों का रेकॉर्ड बनता है। सरकार ने अबतक २१ लाख पीपीई किटस्‌, केंद्र और राज्यों के अस्पतालों को उपलब्ध कराए हैं। साथ ही, सरकार ने १५ लाख किटस्‌ रिज़र्व रखे हैं, ऐसा बताया जा रहा है।

जून महीने तक भारत में डॉक्टर्स और नर्सेस को दो करोड़ से भी अधिक पीपीई किटस्‌ की जरूरत रहेगी। इस पृष्ठभूमि पर, देश में कई कंपनियों ने अपनी क्षमता बढ़ाना शुरू किया है। साथ ही, केंद्र की सरकार अन्य देशों से ८० लाख पीपीई किटस्‌ आयात कर रही हैं। बीच में, सरकार ने चीन से पीपीई किटस्‌ की आयात की थी। लेकिन ये किटस्‌ सदोष पाये जाने के बाद, भारत ने यह ऑर्डर रद की थी। कोरोना वायरस की महामारी फैलने से पहले, देश में पीपीई किटस्‌ का निर्माण होने की मात्रा शून्य थी। लेकिन, अब प्रति दिन दो लाख किटस्‌ तैयार हो रहे हैं, यह कहकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसपर संतोष व्यक्त किया। आनेवाले दिनों में, कोरोना वायरस से जारी लड़ाई के बीच यह बात काफ़ी अहम साबित होगी।

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