भारतीय वैज्ञानिकों ने ‘कोरोना’ की ‘जीनोम’ शृंखला की खोज की

अहमदाबाद – दुनिया में अबतक १.२४ लाख लोगों की मौत का कारण बनें कोरोना वायरस की महाभयंकर महामारी पर टीका विकसित करने में सहायक साबित होगी, ऐसी खोज भारतीय वैज्ञानिकों ने की है। गुजरात बायोटेक्नॉलॉजी रिसर्च सेंटर (जीबीआरसी) के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की ‘जीनोम’ शृंखला की खोज करने में सफलता प्राप्त की है। पूरा विश्‍व कोरोना वायरस से परेशान है और इस महामारी को प्रतिबंध करने के लिए टीका तैयार करने की कोशिश में जुटा हुआ है। ऐसी स्थिति में, इस विषाणु की ‘जीनोम’ शृंखला का पता लगाना काफी अहम घटना है।

दुनियाभर के वैज्ञानिकों को अबतक कोरोना वायरस की स्पष्ट और पुख़्ता जानकारी प्राप्त करना संभव नहीं हुआ है। ऐसे में, ‘जीबीआरसी’ के वैज्ञानिकों ने इस विषाणु की ‘जीनोम’ शृंखला का पता लगाया है। ‘जीबीआरसी’ के वैज्ञानिकों ने ही इस सफलता की जानकारी साझा की। ‘जीनोम’ यानी जनुकीय संरचना, उसका कार्य, आराखडा; संक्षिप्त में कहें तो, इस विषाणु की जनुकीय कुंडली का पता इन वैज्ञानिकों ने लगाया है। कोरोना वायरस के बारे में इतनी अहम जानकारी प्राप्त करनेवाली ‘जीबीआरसी’ भारत में पहली सरकारी लैब साबित हुई है।

‘जीबीआरसी’ के खोजकार्य से, ‘जीनोम’ शृंखला की वजह से कोरोना का निर्माण कैसे हुआ, इस पर कौनसी दवाई या टीका बनाना संभव होगा एवं यह विषाणु कितनी तादाद में तकलीफ़ दे सकता है, यह जानने के लिए मदद होगी। यह सफलता मात्र देश के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए उपयोगी साबित होगी। इस सफलता पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने गुजरात बायोटेक्नॉलॉजी रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों की सराहना की है।

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