इदलिब स्थित तुर्की की लष्करी चौकियों से दूर रहें – सीरिया को दी तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने चेतावनी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

अंकारा – ‘इदलिब प्रांत में स्थित तुर्की की लष्करी चौकियों को घिराव करनेवाली सीरियन सेना वापिस लौट जाए| नही तो इसके आगे तुर्की सभी नियंत्रण अपने हाथ में लेगा’, यह इशारा तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने दिया| इसके लिए तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने सीरियन सेना को तीन हफ्तों का अवसर दिया है| इसी बीच इदलिब में बनी स्थिति पर बातचीत करने के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई जाए, यह मांग अमरिका, ब्रिटेन और फ्रान्स ने रखी है|

सीरियन सेना ने इदलिब में तैनात अपने सैनिकों पर किए हमले पर राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने नई आलोचना की| अस्साद हुकूमत ने तुर्की के सैनिकों पर हमलें करके इदलिब संबंधी किए गए युद्धविराम का उल्लंघन करने का आरोप राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने बुधवार के दिन किया| सीरियन सेना की इस कार्रवाई पर तुर्की ने सटिक जवाब भी दिया| पर, हमें इसके आगे का संघर्ष दूर रखना है, यह भी एर्दोगन ने कहा है| इस बारे में रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के बातचीत हुई है, यह जानकारी तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने साझा की|

इदलिब में स्थित लष्करी चौकियों को सीरियन सेना ने घिराव किया है, यह जानकारी भी एर्दोगन ने साझा की है| ‘फिलहाल इदलिब में स्थित १२ में से दो चौकियों को सीरियन सेना ने घेर रखा है| आनेवाले महिने के अंत तक सीरियन सेना यहां से लौट जाएगी, यह उम्मीद तुर्की रखकर है| पर, यदि अस्साद हुकूमत अपनी सेना पीछे नही हटाती है तो तुर्की यकिनन जरूरी कार्रवाई करने के लिए तैयार है’, यह इशारा एर्दोगन ने दिया है| साथ ही इदलिब में स्थित लष्करी चौकियां तुर्की नही छोडेगी यह बात भी राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने डटकर कहा है|

‘सीरियन आतंकी संगठनों का वर्चस्व अभी भी बरकरार है| इसी वजह से तुर्की ने उत्तरी सीरिया में शुरू की आतंकवाद विरोधी कार्रवाई इसके आगे भी शुरू रहेगी| इसके लिए इदलिब में स्थित लष्करी चौकियों की जरूरत है’, यह दावा एर्दोगन ने किया| साथ ही तुर्की कर रहे आतंकवाद विरोधी कार्रवाई का अंतरराष्ट्रीय समुदाय संज्ञान ले और तुर्की की सहायता करें, यह निवेदन एर्दोगन ने किया| 

कुछ घंटे पहले ही इदलिब में हो रही तुर्की की कार्रवाई को अपना समर्थन होने का ऐलान अमरिका ने किया है| वही, ब्रिटेन और फ्रान्स ने इदलिब की स्थिति पर चिंता जताई है| सीरियन सेना ने इदलिब में की कार्रवाई पर एवं तुर्की की सेना पर किए हमले पर बातचीत करने के लिए सुरक्षा परिषद की बैठक करने की मांग की जा रही है| इस बैठक में एक ओर सीरिया और रशिया वही, दुसरी ओर तुर्की और अमरिका एक दुसरें के सामने खडें होने की संभावना है|

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