अमरिकी रक्षादल में नया परमाणु हथियार तैनात – पेंटॅगॉन की जानकारी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंग्टन: अमरिकी रक्षा दल में नया परमाणु हथियार तैनात करने की जानकारी पेंटॅगॉन ने सार्वजनिक की है| यह नया परमाणु हथियार अमरिका के विरोध में सीमित परमाणु युद्ध शुरू करने की रशिया की योजना उधेडने के लिए सहायक साबित होगी, यह दावा पेंटॅगॉन के वरिष्ठ अफसर जॉन रुड ने किया है| दो वर्ष पहले अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व में ‘न्युक्लियर पोश्‍चर रिव्ह्यू’ प्रसिद्ध किया गया था| नया परमाणु हथियार इस ‘न्युक्लियर पोश्‍चर रिव्ह्यू’ पर अंमल की शुरूआत समझी जा रही है|

अमरिका के रक्षा विभाग में ‘अंडरसेक्रेटरी’ (पॉलिसी) पद पर कार्यरत जॉन रुड ने एक वृत्तसंस्था से की बातचीत के दौरान नए परमाणु हथियार की तैनाती की जानकारी दी| ‘‘डब्ल्यू ७६२’ यह इस परमाणु मिसाइल को नाम दिया गया है| इस मिसाइल की क्षमता कम है| मित्रदेशों पर होनेवाले हमलें रोकने के लिए अमरिका कटिबद्ध है और नया परमाणु हथियार इसके लिए उपयोगी साबित होगा| अमरिका के विरोध में सीमित परमाणु युद्ध करना संभव होगा, इस समझ में रहनेवाले अपने प्रतिद्वंद्वियों को यह परमाणु अस्त्र झटका देगा| क्यों की अब अमरिका निर्णायकरित्या किसी भी धमकी को जवाब देने के लिए सक्षम है’, इन शब्दों में रुड ने नई तैनाती की जानकारी साझा की|

नया परमाणु अस्त्र अमरिका की पनडुब्बी पर तैनात किया जाएगा, यह भी रुड ने कहा| पर, इस से जुडी अधिक जानकारी देने से उन्होंने इन्कार किया| पर, अमरिका की परमाणु क्षमता की जानकारी देनेवाले ‘फेडरेशन ऑफ अमरिकन सायंटिस्टस्’ इस गुट ने नया परमाणु अस्त्र ‘ओहिओ क्लास’ वर्घ की ‘यूएसएस टेनेसी’ पर तैनात करने का दावा किया| यह पनडुब्बी फिलहाल अटलांटिक महासागर क्षेत्र में तैनात होने का दावा भी किया गया है| साथ ही ‘डब्ल्यू ७६२’ मिसाइल पांच किलोटन भार उठाने में सक्षम होगा, यह भी कहा गया है|

वर्ष २०१८ में अमरिका ने अपने परमाणु क्षमता में काफी बडी बढोतरी करने के संकेत देनेवाला ‘न्युक्लियर पोश्‍चर रिव्ह्यू’ प्रसिद्ध किया था| इसमें रशिया ने ‘टैक्टिकल न्युक्लियर वेपन्स’ की संख्या बढाने का जिक्र किया गया था| उसी समय अमरिका फिलहाल परमाणु क्षमता में अधिक बढोतरी करेगी और जमीन से, हवाई एवं समुद्र से हमला करनेवाले परमाणु हथियारों का विकास जारी रखेगी, यह भी स्पष्ट किया गया था|

इस ‘न्युक्लियर पोश्‍चर रिव्ह्यू’ के बाद राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अमरिका की परमाणु क्षमता में बढोतरी करने की नीति घोषित की थी| इसमें परमाणु हथियारों के लिए १.२ ट्रिलियन डॉलर्स का प्रावधान करने के निर्णय का समावेश था| इसमें से करीबन ८०० अरब डॉलर्स अमरिका के बेडे में मौजूद परमाणु हथियारों के रखरखाव के लिए एवं ४०० अरब डॉलर्स इन परमाणु हथियारों को प्रगत करने के लिए करने का तय किया गया था| ट्रम्प के इस ऐलान के बाद कुछ ही महिनों में अमरिका ने परमाणु बम से भी अधिक संहारक ‘बी ६११२ ग्रैव्हिटी न्युक्लियर बम’ का परिक्षण करने का ऐलान किया था|

इसके बाद वर्ष २०१९ में अमरिका ने रशिया के साथ किए ‘आयएनएफ’ समझौते से पीछे हटने का निर्णय किया था| रशिया इस समझौते का उल्लंघन करनेवाले मिसाइलों का विकास कर रही है, यह आरोप अमरिका ने किया था| इस के बाद अमरिका ने प्रगत मिसाइलों के परिक्षण करके रशिया के विरोध में आक्रामक नीति कायम होने के स्पष्ट संकेत दिए थे|

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