तुर्की ने सिरिया के सीमा के पास तैनाती बढ़ाई

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

अंताक्या – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने सिरिया के इदलिब में कार्रवाई के बारे में शुक्रवार को अपनी सुरक्षा समिति से चर्चा की है और जल्द ही इदलिब पर हमलों की व्याप्ति बढेगी ऐसी आशंका जताई जा रही है। इस पृष्ठभूमि पर इदलिब में अपने हित संबंधों की सुरक्षा के लिए तुर्की ने गतिविधियां बढ़ाई है। तुर्की ने सिरिया के सीमा से जुड़े हुए क्षेत्र में बड़ी तादाद में सेना तैनाती की है और तोंफ, लष्करी वाहनों का बेड़ा इस सीमा क्षेत्र मे लाया है।

सिरिया के अलेप्पो प्रांत से जुडे तुर्की के हताया प्रांत में तुर्की के लष्करी विमान उतारने की तस्वीरें प्रसिद्ध हुई है। सिरिया के सीमा के पास केवल ५० किलोमीटर अंतर पर होने वाले इस हवाई अड्डे पर तुर्की के सैनिक तथा लष्करी वाहन तैनात हैं। यह वाहन सिरिया के सीमा की दिशा में रवाना होने की जानकारी सामने आ रही है। पिछले कुछ हफ्तों में तुर्की ने अपनी सीमा के पास की यह बड़ी तैनाती होने का दावा किया जा रहा है। इससे पहले तुर्की ने अलेप्पो और हमा प्रांत की सीमा के पास मजबुत सुरक्षा चौकियों का निर्माण किया था।

सिरिया में अस्साद सल्तनत को तुर्की का विरोध है। अस्साद सल्तनत की वजह से सिरिया में अराजकता निर्माण होने का दावा और आरोप तुर्की कर रहा है। तथा सिरिया एवं रशिया इदलिब पर हमले न करें ऐसा आवाहन तुर्की ने किया था। इदलिब पर कार्रवाई की वजह से हजारों नागरिक बेघर होंगे, ऐसी चेतावनी तुर्की दे रहा था। तुर्की की भूमिका नाटो के अन्य सदस्य देशों की तरह है।

ऐसा होते हुए भी आने वाले समय में रशिया ने सिरियन लष्कर के साथ इदलिब पर हमले किए तो भी तुर्की इस कार्यवाही का विरोध करने के लिये प्रति हमले नहीं करेगा, ऐसे तुर्की के नेताओं ने स्पष्ट किया है। इदलिब में शुरु संघर्ष के बारे में तुर्की रशिया के संपर्क में है, ऐसा तुर्की के नेता बता रहे हैं। इसकी वजह से नाटो सदस्य देश होने वाले तुर्की की भूमिका अन्य पश्चिमी देशों के विरोध में होने की बात स्पष्ट हो रही है।

दौरान पिछले हफ्ते में इदलिब पर हुए हमलों की वजह से ३० हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। आने वाले समय में इदलिब में संघर्ष भड़का तो वहां ९ लाख से अधिक नागरिकों की सुरक्षा खतरे में आ सकती है, ऐसी चिंता संयुक्त राष्ट्रसंघ व्यक्त कर रहा है। इसकी वजह से इदलिब में संघर्ष टालने के लिए प्रयत्न करें, ऐसा आवाहन राष्ट्र संघ से किया जा रहा है। तथा रशिया एवं सिरिया की अस्साद सल्तनत इदलिब की कार्रवाई पर कायम है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.