डोकलाम में यथास्थिति कायम – विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की गवाही

नई दिल्ली – राजनैतिक प्रगल्भताने भारत और चीन में निर्माण हुए डोकलाम की समस्या कोई भी समझौते न करते हुए सुलझाई गई है। डोकलाम में जैसी थी वैसी ही परिस्थिति कायम रखी जा रही है, ऐसा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने स्पष्ट किया है। चार दिनों पहले चीन ने डोकलाम में फिर से लष्कर की गतिविधियां शुरू करने की खबरें आई थी। अमरिकन मुत्सदियो ने डोकलाम में चीन के गतिविधियाँ फिर से शुरू होने की बात कहकर उस पर चिंता व्यक्त की थी। पर भारत सरकार ने डोकलाम स्थिति सामान्य होने की गवाही दी है।

सुषमा स्वराज

लोकसभा में डोकलाम समस्या तथा चीन के वुहान में प्रधानमंत्री मोदी एवं चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग इनके भेंट के बारे में प्रश्न पूछा गया था। उसे उत्तर देते हुए विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने भारत एवं चीन ने राजनीतिक प्रगल्भता दिखाकर डोकलाम की समस्या सुलझाने की बात स्पष्ट हो रही है। इसके लिए भारत को किसी भी प्रकार के समझौते नहीं करने पड़े हैं, यह बात भी विदेश मंत्री स्वराज ने प्रस्तुत की है। तथा फिलहाल डोकलाम में पहले जैसी परिस्थिति कायम होने का बयान विदेश मंत्री ने दिया है। तथा वुहान की चर्चा में किसी भी स्वरूप का एजेंडा निश्चित नहीं किया गया था। तथा यह चर्चा दोनों देशों में संवाद एवं सौहार्द बढ़ाने के लिए आयोजित की गई थी, ऐसा स्पष्टीकरण सुषमा स्वराज ने दिया है।

दौरान चीन के रक्षा मंत्री जल्द ही भारत दौरे पर आने वाले हैं और उसके बाद चीन के विदेशमंत्री भारत के दौरे पर आने की जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दी है। चीन के रक्षा मंत्रि की भारत भेंट के दौरान दोनों देशों की सेना में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी, ऐसा स्वराज ने आगे कहा है। वैसा होते हुए भी डोकलाम के मूल होनेवाले भूतान एवं चीन के सीमावाद सुलझा नहीं है, इसकी तरफ स्वराज ने ध्यान केंद्रित किया है। पर सीमाविवाद में भारत के हितसंबंध तीन देशों की सीमा से जुड़ते हैं उस डोकलाम में उलझे हुए हैं इसका भी एहसास स्वराज ने दिलाया है।

अमरिका में कई मुत्सदियों ने डोकलाम में चीन के लष्करी गतिविधियां फिर से शुरू होने का दावा किया था। इसकी वजह से भारत को खतरा है, ऐसी चेतावनी इन मुत्सद्दियो से दी जा रही थी। पर भारत के लष्कर ने तथा विदेश मंत्रालय ने भी डोकलाम में परीस्थिति सामान्य होने की बात कहकर इस बारे में खबरें ठुकराई थी। साथ ही चीन की गतिविधियों पर भारत की कड़ी नजर लगी हुई है, ऐसे स्पष्ट संकेत भारत से दिए जा रहे हैं।

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