‘बैलेस्टिक मिसाइल डिफेन्स शील्ड’ की दिशा में महत्वपूर्ण कदम – भारतीय निर्माण के सुपरसोनिक ‘इंटरसेप्टर’ का सफल परिक्षण

बालासोर: चीन और पाकिस्तान जैसे अपने पडौसी देशों ने अपना मिसाइल कार्यक्रम गतिमान बनाया है, ऐसे में भारत की तरफ से अपना हवाई क्षेत्र अधिक सुरक्षित बनाने की जोरदार तैयारी शुरू की गई है। भारतीय रक्षा संशोधन और विकास संस्था ने (डीआरडीओ) विकसित किए ‘एडवांस्ड एयर डिफेन्स’ (एएडी) इस सुपरसॉनिक ‘इंटरसेप्टर’ का परिक्षण गुरुवार को किया गया। एक ही समय पर शत्रू ने छोडे एक से मिसाईल गिराने की तैयारी के तौर पर भारत ‘एएडी’ की क्षमता विकसित कर रहा है। यह भारतीय बनावट के ‘बैलेस्टिक मिसाइल डिफेन्स शील्ड’ (बीएमडी) अधीक सक्षम करने की दिशा में बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम है।

बैलेस्टिक मिसाइल डिफेन्स शील्ड, दिशा, महत्वपूर्ण कदम, सुपरसोनिक, इंटरसेप्टर, सफल परिक्षण, भारत, चीनहाल ही में हुए डिफेन्स एक्विझिशन कौंसिल (डीएसी) की बैठक में दिल्ली, मुम्बई के साथ साथ प्रमुख भारतीय शहरों को शत्रुओं के बैलेस्टिक मिसाइलों से सुरक्षित रखने के लिए ‘बैलेस्टिक मिसाइल डिफेन्स शील्ड’ तैनात करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए ‘अमरिका से नेशनल एडवांस्ड सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम-२’ (एनएएसएएमएस) मिसाइल भेदी यंत्रणा खरीदने का निर्णय लिया गया। लेकिन इसीके साथ ही अन्य बैलेस्टिक मिसाइल भेदी यंत्रणा भी तैयार रखी जाने वाली हैं। इस के तहेत भारत इस्राइल और रशिया से भी बैलेस्टिक मिसाइल विरोधी यंत्रणा खरीदने की कोशिश में है। इस बारे में भारतीय बनावट का भी बैलेस्टिक मिसाइल डिफेन्स शील्ड’ विकसित किया जा रहा है।

डीआरडीओ विकसित कर रहे ‘बीएमडी’ यंत्रणा दो स्तरों पर काम करेगी। और इस के लिये ‘एडवांस्ड एयर डिफेन्स’ और ‘पृथ्वी डिफेन्स व्हेईकल’ (पीडीव्ही) इंटरसेप्टर का समावेश किया गा है। दुश्मनों के मिसाइलों को हवा में ही २० से ४० किलोमीटर की दूरी पर भेदकर नष्ट करने के दृष्टिकोण से दो प्रकार के इंटरसेप्टर का समावेश वाले ‘बीएमडी’ यंत्रणा का विकास हो रहा है। सिर्फ अमरिका, रशिया और इस्राइल इन तीन देशों को ही अब तक शत्रू के एक से अधीक मिसाइल गिराने मे सक्षम ‘बीएमडी’ विकसित करने में सफलता मिली है। गुरुवार को ओड़िसा के बालासोर में स्थित डीआरडीओ के प्रक्षेपण स्थल से किया गया ‘एएडी’ का सफल परिक्षण इसी वर्ग की यंत्रणा के मिसाईल का होने की वजह से बहुत महत्वपूर्ण साबित होता है।

७.५ मीटर लम्बा और १.२ टन वजन वाला भारत का ‘एएडी’ बैलेस्टिक मिसाइल इंटरसेप्टर दुश्मनों के मिसाइलों को ४० किलोमीटर की उंचाई पर हवा में ही भेद सकता है।

सटीकता के लिए इस इंटरसेप्टर को अत्याधुनिक यंत्रणा से जोड़ा गया है। ‘द फाइबर ऑप्टिक जेरो’ (एफओजी), ‘इलेक्ट्रो मैकेनिकल एक्टिवेटर’, क्रिटिकल रेडियो फ्रीक्वेंसी, अत्याधुनिक राडार और नेविगेशन सिस्टिम का जोड़ ‘एएडी’ को मिला है। साथ ही मोबाईल लांच के द्वारा यह इंटरसेप्टर दागा जा सकता है। इसके पहले इंटरसेप्टर का तीन बार परिक्षण लिया गया है और यह सभी परीक्षण सफल हुए हैं। नए परिक्षण की वजह से भारतीय निर्माण का प्रगत ‘बीएमडी’ तैयार करने की दिशा में भारत एक कदम आगे निकल गया है।

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