‘एलएसी’ पर स्थिति स्थीर, फिर भी अनिश्चित – सेनाप्रमुख जनरल मनोज पांडे

नई दिल्ली – चीन से जुड़ी सीमा पर स्थिति फिलहाल स्थीर हैं, फिर भी अनिश्चित हैं। वहां पर किसी भी स्थिति का सामना करने की पूरी तैयारी भारतीय सेना ने रखी हैं। चीन ने ‘एलएसी’ पर अपनी सैन्य तैनाती कुछ मात्रा में बढ़ाई है, फिर भी भारतीय सेना उसपर नज़र बनाए हैं। इसके अनुसार आवश्यक गतिविधियां कर रही हैं, ऐसा बयान सेनाप्रमुख जनरल मनोज पांडे ने किया है। साथ ही चीन के साथ राजनीतिक एवं सैन्य स्तर पर भारत की चर्चा शुरू हैं, यह कहकर ‘एलएसी’ पर तनाव कम करने की कोशिश जारी होने की जानकारी भी सेनाप्रमुख ने प्रदान की।

चीन ने ९ दिसंबर को तवांग के एलएसी के क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश करने के बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ा था। किसी भी स्थिति में एलएसी की मौजूदा स्थिति चीन को बदलने नहीं देंगे, ऐसी चेतावनी भारतीय सेना ने दी। साथ ही भारतीय नेताओं ने भीन चीन को कड़े शब्दों में इस वास्तव का अहसास कराया था। इसके बाद के समय में चीन ने भारत के साथ जारी सीमा विवाद समझदारी से खत्म करने के दावे करके नरमाई दिखाई। लेकिन, आपके शब्दों पर नहीं, बल्कि हरकतों पर हमारा ध्यान होगा, इसका अहसास भारतीय सेना और नेता भी चीन को करा रहे हैं। विदेश मंत्री एस.जयशंकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बोलते हुए भारत और चीन के ताल्लुकात सामान्य ना होने का अहसास करा रहे हैं। इसी बीच भारत और हमारे बीच तनाव ना होने का भ्रामक चित्र चीन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिखाने की कोशिश कर रहा हैं।

ऐसी स्थिति में सेना दिवस के पहले सेनाप्रमुख जनरल मनोज पांडे ने चीन की सीमा पर बनी स्थिति की जानकारी देशवासियों को प्रदान की। माध्यमों से बोलते समय जनरल पांडे ने एलएसी पर स्थिति फिलहाल स्थिर हैं, लेकिन वहां पर अनिश्चितता यानी कब क्या होगा, यह कहना मुमकिन ना होने जैसा माहौल होने की बात स्पष्ट की। ऐसी स्थिति में भारतीय सेना ने आक्रामक रवैया अपनाया हैं और किसी भी स्थिति का सामना करने की तैयारी सेना ने रखी हैं, ऐसा जनरल पांडे ने कहा। भारतीय सेना की तैयारी उच्च स्तर की हैं, यह कहकर चीन की तैनाती का मुकाबला करने उतनी पर्याप्त तैनाती भारत ने भी एलएसी पर रखी है, इसपर सेनाप्रमुख ने ध्यान आकर्षित किया।

एलएसी का तनाव कम करने के लिए सैन्य एवं राजनीतिक स्तर पर भी बातचीत जारी हैं। एलएसी के सात विवादित मुद्दों में से पांच मुद्दों का विवाद खत्म करने की सफलता प्राप्त हुई हैं। दो मुद्दों पर अभी भी चर्चा जारी है, यह जानकारी जनरल पांडे ने दी। भारतीय सेना की तैनाती का रणनीतिक संतुलन बनाने का काम भी पूरा हुआ है, यह कहकर इस तैनाती के लिए ज़रूरी तैयारी भारतीय सेना अच्छी तरिके से करती हैं, इसपर भी सेनाप्रमुख ने ध्यान आकर्षित किया। इसी बीच, लद्दाख के एलएसी पर कड़ी ठंड़ का सामना करना चीन के सैनिकों के लिए कठिन होने की बात पिछले साल स्पष्ट हुई थी। इस पृष्ठभूमि पर जनरल पांडे ने किए यह बयान काफी अहमियत रखते हैं।

भारत और चीन का सीमा विवाद और यहां बने तनाव का संज्ञान पूरे विश्व ने लिया हैं और ताकतवर समझे जा रहे चीन की सेना को भारतीय सैनिकों ने मुंहतोड़ प्रत्युत्तर दिया हैं। इसका संज्ञान प्रमुख देशों ने लिया था। साथ ही चीन की सेना कई बातों के लिए तैयार नहीं हैं और इस सेना के पास व्यावसायिकता भी ना होने का मुद्दा भी भारत के साथ हुए संघर्ष के कारण विश्व के सामने आया था। इसका असर चीन धमका रहे अन्य देशों पर हुआ हैं और इन देशों का मनोबल अधिक बढ़ता दिख रहा हैं। भारतीय सैनिकों ने एलएसी पर घुसपैठ कर रहे चीन के सैनिकों की बड़ी पिटाई करने का वीडियो कुछ हफ्ते पहले सार्वजनिक हुआ था। यह वीडियो जारी करके ताइवान के समाचार चैनलों ने चीन के सेना का मज़ाक उड़ाया था। साथ ही ताइवानी सैनिकों को भारत अपने यहां प्रशिक्षण प्रदान करें, यह मांग भी ताइवान से की गई थी।

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