भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रगति आगे भी सबसे अधिक विकास दर से होगी – प्रधान आर्थिक सलाहकार का भरोसा

लखनऊ – मौजूदा वित्तीय वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास दर ६.५ से ७.५ प्रतिशत रहेगा, ऐसा बयान प्रधान आर्थिक सलाहकार व्ही.अनंत नागेस्वरन ने किया है। साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था अगले तीन-चार सालों में इसी विकास दर से बिना किसी बाधाओं के बिना प्रगति कर सकेगी, ऐसा दावा भी नागेस्वरन ने किया है। विश्व भर की प्रमुख अर्थव्यवस्था नकारात्मक संकेत दे रही हैं और ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था ऐसे प्रदर्शन करना अहमियत रखता है।

उत्तर प्रदेश के लखनौ में ‘बिल्डींग अ रिझिलिएन्ट एकॉनॉमी’ नामक चर्चा का आयोजन किया गया है। इसमें ‘मिशन ९ ट्रिलियन डॉलर इंडियन इकॉनॉमी बाय २०३०’ विषय पर बोलते समय प्रधान आर्थिक सलाहकार नागेस्वरन ने यह बयान किया। अगले सात सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था ९ लाख करोड़ डॉलर्स की होगी या नहीं, इसकी चर्चा भी इसमें हुई। इसपर बोलते हुए नागेस्वरन ने यह दावा किया कि, अंतरराष्ट्रीय वित्तसंस्था भारत के आर्थिक प्रदर्शन को बड़े सख्त रवैये से अनुमानित कर रही हैं। वास्तव में अंतरराष्ट्रीय वित्तसंस्था बयान कर रहे हैं उससे कई अधिक गति से भारतीय अर्थव्यवस्था प्रगति कर सकेगी, यह विश्वास भी नागेस्वरन ने व्यक्त किया।

मौजूदा वित्तीय साल में भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास दर ६.५ से ७.५ प्रतिशत रहेगा। यहां से अगले तीन से चार सालों तक भारतीय अर्थव्यवस्था बड़ी सहज़ता से यही विकास दर कायम रख सकेगी। क्यों कि, भारत की आर्थिक नीति बिल्कूल स्पष्ट हैं। पिछले आठ सालों में भारत ने बुनियादी विकास बड़ी आक्रामक तेजी से किया है। भारत में डिजिटल परिवर्तन हुआ है। सरकार ने भारी निवेश करके विकास दो गति प्रदान की है। यह अर्थव्यवस्था गतिमान करने का सबसे अच्छा विकल्प है। साथ ही भारतीय उद्योगक्षेत्र का मुनाफा बढ़ा है और कर्ज की मात्रा कम हुई है। इस वजह से भारत की अर्थव्यवस्था ‘स्वयंचलित प्रगति की राह’ पर होने का दावा नागेस्वरन ने किया।

कोरोना की महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ने बड़ा उछाल लिया, यह बात भी नागेस्वरन ने अपने भाषण में बयान किया। इसका दाखिला देकर भारतीय अर्थव्यवस्था ६.५ से ७ प्रतिशत विकास दर प्राप्त करने की क्षमता रखती है, ऐसा नागेस्वरन ने कहा। आर्थिक सुधार के कार्यक्रम को अधिक सफलता हासिल हुई तो भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास दर ७ से ७.५ प्रतिशत या आठ प्रतिशत तक भी जा सकता हैं, ऐसा दावा प्रधान आर्थिक सलाहकार ने किया है।

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