‘अग्नी-5’ के बाद ‘एलआर बम’ का परीक्षण

बालासोर – रक्षा संशोधन विकास संस्था (डीआरडीओ) ने ‘अग्नी-5’ इस अंतर्महाद्वीपीय बैलिस्टिक क्षेपणास्त्र ओ का परीक्षण करने के बाद कुछ ही घंटों में ‘लाँग रेंज बम’ इस महत्वपूर्ण शस्त्र का परीक्षण किया गया है। वायुसेना के लड़ाकू विमान से किया गया यह परीक्षण सफल साबित हुआ होकर, इस स्वदेशी एलआर बम ने परीक्षण के दौरान सभी निकष पूरे किए होने की जानकारी अधिकारी ने दी है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने इस सफलता पर डीआरडीओ का अभिनंदन किया है। वहीं, इस पद्धति की शस्त्र प्रणाली के देशांतर्गत विकास में ‘एलआर बम’ का सफल परीक्षण अहम पड़ाव साबित होगा, ऐसा दावा डीआरडीओ के अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी ने किया है।

lr-bomb-testएलआर बम यानी लाँग रेंज बम की प्रणाली के बारे में अधिक विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है। दुश्मनों पर हवाई हमले करते समय एलआर बम तंत्रज्ञान अहम साबित होगा, ऐसा दावा किया जा रहा है। डीआरडीओ ने यह तंत्रज्ञान विकसित किया है। डीआरडीओ के हैदराबाद स्थित रिसर्च सेंटर (आरसीआय) में एलआर बम का तंत्रज्ञान विकसित किया गया। इस बम के विकास में डीआरडीओ के अन्य विभागों का अहम योगदान रहा है।

शुक्रवार को वायुसेना के विमान से छोड़े गए एलआर बम ने लक्ष्य को सटीकता से छेदा, ऐसी जानकारी रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने दी। इस परीक्षण पर इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रॅकिंंग सिस्टिम, टेलिमेट्री और ओडीशा के चांदीपुर स्थित रडार की सहायता से नजर रखी गई। एलआर बम ने परीक्षण के दौरान सभी निकष पूरे किए हैं।

दो ही दिन पहले भारत ने ‘अग्नी-5’ इस अंतर्महाद्वीपीय परमाणुअस्त्र वाहक क्षेपणास्त्र का परीक्षण किया था। पाँच हज़ार किलोमीटर इतनी मारक क्षमता होनेवाले अग्नी-5 के परीक्षण के बाद, ऐसी क्षमता के क्षेपणास्त्र अपने बेड़े में होनेवाले कुछ गिने-चुने देशों की सूची में भारत का समावेश हुआ था। चीन ने हाइपरसोनिक क्षेपणास्त्र का परीक्षण करने के बाद कुछ ही दिनों में भारत ने किए इस परीक्षण ने, भारत का सामर्थ्य भी दुनिया को दिखा दिया था। इससे चीन बेचैन हुआ दिखाई दे रहा है। उसके कुछ ही घंटों में भारत ने स्वदेशी एलआर बम का किया परीक्षण गौरतलब साबित हो रहा है।

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