जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैंठ की कोशिशे नाक़ाम

श्रीनगर, दि. ६ (पीटीआय) –  जम्मू-कश्मीर की नियंत्रणरेखा पर और आंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की गोलाबारी अभी भी जारी है| लेकिन आतंकवादियों की घुसपैंठ की दो कोशिशों को सुरक्षाबलों ने नाक़ाम कर दिया है| इस वक्त हुई मुठभेड में दो जवान शहीद हुए हैं और पाँच लोग घायल हुए हैं| पुंछ और कृष्णा घाटी में पाकिस्तानी सेना ते बडी मात्रा में गोलबारी शुरू की है और घुसपैंठ करनेवाले आतंकवादियों की सहायता करने के लिए पाकिस्तानी सेना यह गोलाबारी कर रही है, यह दिखाई दे रहा है|

घुसपैंठपुंछ सेक्टर में भारतीय सेना की दो चौकियों पर गोलाबारी करते हुए पाकिस्तानी सेना ने भारत को उक़साने की कोशिश की है| पाकिस्तानी सेना ने केवल सेना की चौकियों को ही नहीं, बल्कि रिहायशी इलाकों में भी निशाना बनाया है, ऐसा सामने आ रहा है| पाकिस्तानी सेना का ‘कंपनी हेडक्वार्टर’ भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में नेस्तनाबूद हुआ था और भारतीय सेना की इस कार्रवाई में पाकिस्तान के लगभग २० जवान मारे गए थे| इसी दौरान, पाकिस्तानी सेना ने रिहायशी इलकों में गोलाबारी करने के बाद भारतीय सेना ने तोपों से हमला करते हुए पाकिस्तानी सेना की अन्य चौकियाँ नेस्तनाबूत की थीं| इसके बाद पाकिस्तानी सेना पर, सफेद झँडा दिखाकर गोलाबारी रोकने की नौबत आई थी| लेकिन इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने फिर से गोलाबारी शुरू की है, ऐसा दिखाई दे रहा है|

पुंछ ज़िले में नियंत्रणरेखा से आतंकवादियों ने घुसपैंठ की दो बार कोशिश की थी| लेकिन सजग जवानों ने ये कोशिशें नाकाम की हैं| इस वक्त हुई मुठभेड में, भारत का एक जवान शहीद हुआ था और पाँच जवान घायल हुए थे ऐसा बताया जा रहा है| तभी कृष्णा घाटी में भी घुसपैंठ की कोशिशें नाकाम करते समय हुई मुठभेड़ में सेना का एक और जवान शहीद हुआ है| साथ ही, इस समय पाँच आम आदमी भी घायल हुए हैं ऐसी ख़बरें सामने आ रही हैं| भारत को इस तरह की क्षति का सामना करना पड़ रहा है; लेकिन सेना ने की जवाबी कार्रवाई में, पाकिस्तान का काफ़ी बड़ी मात्रा ने नुकसान हो रहा है, ऐसा दावा सेना के सूत्रों ने किया है|

इसी दौरान, जम्मू-कश्मीर पुलीस बल के अधिकारी के. राजेंद्र ने राज्य में आतंकवादियों की गतिविधियों पर चिंता जताई है| ‘इस राज्य में लगभग ३०० आतंकी सक्रिय हैं’ ऐसा कहते हुए राजेंद्र ने, यह गंभीर एवं चिंतानजनक समस्या है, यह बताया| इस संदर्भ में मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ्ती ने पुलीस बस के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करते हुए उनसे सुरक्षाविषयक स्थिति के बारे में चर्चा की| तभी जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं ने बैठक का आयोजन करते हुए, देश के खिलाफ़ कारनामें और तेज़ करने के लिए नऐ सिरे से प्रयास शुरू किए हैं, ऐसा दिखाई दे रहा है|

 जम्मू-कश्मीर की ‘धान-खेती’ पर पाकिस्तान के हमले

नई दिल्ली, दि. ६ (वृत्तसंस्था) – पिछले कुछ दिनों से आंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे मॉर्टर्स हमलें जम्मू-कश्मीर की ‘धान-खेती’ तबाह करने के लिए किए जा रहे हैं, ऐसे इल्ज़ाम यहाँ के किसानों ने लगाये हैं| पाकिस्तान के हमलों की वजह से लगभग १२५ करोड रुपये की चावल की खेती तबाह होने का ख़तरा पैदा हुआ है|

pg01-bp38फिलहाल जम्मू-कश्मीर की आंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे गावों को निशाना बनाकर पाकिस्तान भारी मात्रा में गोलाबारी कर रहा है| इस गोलाबारी में यहाँ की बासमती चावल की खेती का नुकसान हुआ है| इस इलाके में ४० हजार एकड़ क्षेत्र के बासमती चावल की फसल ली जाती है| पाकिस्तान की गोलाबारी में इस फ़सल का नुकसान हुआ है| पाकिस्तान के हमलों की वजह से १० से १२ दिनों में कोई भी फ़सल काटने के लिए नहीं जा पाया है| इस वजह से सव्वासौ करोड़ रुपये की फसल को ख़तरा पैदा हुआ है|

जम्मू-कश्मीर के किसानों के दावों के अनुसार पाकिस्तान हर साल इस इलाके में बासमती चावल की फ़सल तैयार होने के बाद अक्तूबर और नवंबर महीनें में बड़े तेज़ हमलें करता है| इन हमलों का मुख्य उद्देश यहाँ की फ़सल की बरबादी करना यही होता है| सीमा के पार बासमती की फ़सल जल्द ली जाती है| उनकी कटाई होने के बाद भारत में गोलाबारी जारी होती है, ऐसे इल्जाम किसान लगा रहे है| भारतीय बासमती को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में काफी बडी मांग है| इस चावल के निर्यात से विदेशी चलन मिलता है| इन में से ६५ प्रतिशत बासमती की फ़सल जम्मू-कश्मीर में उगायी जाती है| जम्मू-कश्मीर की आंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास आर.एस.पुरा सेक्टर में होनेवाले बासमती को अमरीका में बड़ी माँग है| इसीलिए इस फसल को बरबाद करके भारत का आर्थिक नुकसान करने की पाकिस्तान की साज़िश है, ऐसा दावा किसान कर रहे हैं|

 

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