जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में कडा संघर्ष; भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना का कंपनी हेडक्वार्टर नेस्तनाबूद

नई दिल्ली, दि. ५ (वृत्तसंस्था) – भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर की नियंत्रण रेखा से की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना का ‘कंपनी हेडक्वार्टर’ नेस्तनाबूद हुआ है| इस हमले में पाकिस्तान के लगभग २० जवानों की मौत हुई है, ऐसा कहा जा रहा है| इस जवाबी कार्रवाई के लिए सेना ने तोपों का इस्तेमाल किया| सन २००३ में पाकिस्तान के साथ हुए संघर्षबंदी समझौते के बाद पहली बार भारतीय सेना ने तोपों का इस्तेमाल किया है, ऐसा कहा जा रहा है| भारत के इस क़रारे जवाब की वजह से, आंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तैनात ‘पाकिस्तानी रेंजर्स’ इस निमलष्करी दलों के जवानों को पीछे हटाकर, पाकिस्तानी लष्कर ने इस इलाके को कब्जे में लिया है, ऐसी खबरें आ रही हैं|

जम्मू-कश्मीरहफ़्ते भर पहले, पाकिस्तान के ‘बॉर्डर ऍक्शन टीम’ ने, शहीद हुए भारतीय जवान का सिर काटकर उसके शव की विटंबना की थी| इसके बाद गुस्सा हुए ‘बीएसएफ’ और भारतीय सेना ने, पाकिस्तान की गोलाबारी और मॉर्टर्स हमलों को क़रारा जवाब दिया| इस वजह से पाकिस्तान का काफ़ी बड़ा नुकसान हुआ| जम्मू-कश्मीर की नियंत्रणरेखा और आंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे गावों के निवासी इलाकों में पाकिस्तानी सेना ने बड़ी मात्रा में गोलाबारी की| इस वजह से यहाँ पर बड़ा नुकसान सहना पद रहा है| अब तक पाकिस्तान के, गोलाबारी और मॉर्टर्स के हमलों में १२ लोगों की मौत हुई है और ८० से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं|

इस पृष्ठभूमि पर, भारतीय सेना ने पाकिस्तानी रेंजर्स और सेना के जवानों पर हमलें और तेज़ किए हैं| इसके लिए तोपों का इस्तेमाल करते हुए भारतीय सेना ने पाकिस्तान की चौकियों को नेस्तनाबूद कर दिया| इस हमले में पाकिस्तानी सेना का कंपनी हेडक्वार्टर भी नेस्तनाबूद किया गया है और इसमें लगभग २० जवानों की मौत हुई है, ऐसी खबरें हैं| यह तादात ४० पर गई है, ऐसी खबरें भी कुछ जगह प्रसिद्ध हुई थीं| लेकिन इन खबरों की पुष्टि नहीं हो पाई है| इसके बाद पाकिस्तानी रेंजर्स से इन चौकियों का कब्ज़ा पाकिस्तानी सेना ने लिया है| साथ ही, सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तानी सेना की गतिविधियाँ काफ़ी बढी हैं, ऐसा सामने आ रहा है| पाकिस्तानी सेना की ओर से भारत को दी जा रही चुनौतियों के पीछे सोचसमझकर की हुई साज़िश है, ऐसा सामने आ रहा है|

पाकिस्तानी लष्करप्रमुख जनरल राहिल शरीफ जल्द ही निवृत्त होनेवाले हैं| वे अपना कार्यकाल बढाना चाहते हैं| लेकिन भारत के साथ तनाव बढाए बिना, कार्यकाल में बढोत्तरी नहीं मिल सकती, इस बात का उन्हें पता है| इसीलिए पाकिस्तानी सेना जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों ने तणाव बढा रही है| इस तणाव की पृष्ठभूमि पर, ‘सेनाप्रमुखपद’ की बागडोर नीचे रखना आसान नहीं है, यह वजह जनरल शरीफ बता सकते हैं| इस वजह से, जम्मू-कश्मीर की नियंत्रणरेखा पर और आंतर्राष्ट्रीय सीमा पर के इस संघर्ष को, पाकिस्तान के अंतर्गत सत्तासंघर्ष का परिणाम माना जा रहा है|

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