अफ़गानिस्तान में अभी भी आतंकी अड्डे मौजूद – रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन की चेतावनी

मास्को – अफ़गानिस्तान आज भी आतंकी और चरमपंथी संगठनों का ही है। इस वजह से पड़ोसी देशों में अस्थिरता फैल सकती है, ऐसी चेतावनी रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने दी। कुछ ही दिन पहले अफ़गानिस्तान की राजधानी काबुल में स्थित रशियन दूतावास पर आतंकी हमला हुआ था। इसमें रशिया के दो राजनीतिक अधिकारियों की मौत हुई थी। इस पृष्ठभूमि पर, पूर्व सोवियत देशों की सुरक्षा के मुद्दे पर आयोजित बैठक को संबोधित करते समय रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने यह चेतावनी दी।

तालिबान ने अफ़गानिस्तान में अपनी हुकूमत स्थापित करके एक साल बीत चुका है। इस दौरान रशिया को छोड़कर विश्‍व के लगभग अन्य सभी देशों ने, तालिबान की हुकूमत को स्वीकृति प्रदान नहीं करेंगे, ऐसा कहकर अफ़गानिस्तान में अपने दूतावास बंद रखे थे। रशिया ने हालाँकि तालिबान की हुकूमत को स्वीकृति प्रदान नहीं की है, फिर भी राजनीतिक स्तर पर कारोबार जारी रखे हैं। तालिबान और नॉर्दन अलायन्स इन अफ़गानिस्तान के दो गुटों को मिलाने के लिए रशिया ने मध्यस्थता शुरू करने की खबरें प्राप्त हुई थीं। रशिया और तालिबान का यह सहयोग, अफ़गानिस्तान के पड़ोसी पूर्व सोवियत रशियन देशों की सुरक्षा के लिए बड़ा अहम होने की बात समझी जा रही है।

लेकिन, पिछले महीनें राजधानी काबुल में रशियन दूतावास में हुए आतंकी हमले ने रशिया को झटका दिया। इस हमले में रशिया के दो राजनीतिक अधिकारी मारे गए थे। रशिया और तालिबान के सहयोग को झटका देनेवाला यह हमला हैं, ऐसी चर्चा भी शुरू हुई थी। दो दिन पहलें ‘कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेन्डन्ट स्टेटस्‌’ (सीआईएस) नामक पूर्व सोवियत देशों की गुप्तचर यंत्रणा की बैठक को संबोधित करते समय रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने काबुल के हमलें पर चिंता जताई।

‘अफ़गानिस्तान में काफी कठिन स्थिति निर्माण हो रही है। आतंकी और चरमपंथी संगठन अफ़गानिस्तान में जोर पकड़ रहे हैं। पिछले महीनें रशियन दूतावास पर हुए आतंकी हमलें ने यही दिखाया है’, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने ‘सीआईएस’ की बैठक मे कहा। अन्तर्राष्ट्रीय आतंकी संगठनों के अफ़गानिस्तान में मौजूद ठिकाने, पड़ोसी देशों की सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकते हैं, ऐसी चेतावनी भी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने इस दौरान दी। यह संगठन अफ़गानिस्तान में आतंकियों के भरती केंद्र शुरू कर सकते हैं, इस समस्या पर रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने ध्यान आकर्षित किया।

इन आतंकी गतिविधियों को समय पर जवाब देना आवश्‍यक है, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने डटकर कहा। कुछ साल पहलें सीरिया और इराक में अस्थिरता फैलानेवाले आतंकियों को अफ़गानिस्तान लाया गया है। अब ये आतंकी अफ़गानिस्तान के पड़ोसी देशों में अस्थिरता फैलाने की कोशिश में जुटे होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता, यह चेतावनी भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने दी। किसी समय सोवियत रशिया का हिस्सा रहें देशों में अस्थिरता फैलें, इसके लिए पश्‍चिमी देश साज़िश कर रहे हैं, यह गंभीर आरोप भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने लगाया है।

पिछले महीनें ही आर्मेनिया और अज़रबैजान इन दो पूर्व के सोवियत देशों के बीच फिर से संघर्ष हुआ था। इसके बाद किरगिजिस्तान और ताजिकिस्तान इन अन्य दो पूर्व सोवियत देशों की सीमा पर संघर्ष शुरू हुआ था। इस पृष्ठभूमि पर रशिया अफ़गानिस्तान की तालिबानी हुकूमत के साथ सहयोग स्थापित करके, अफ़गानिस्तान के ज़रिये अपने प्रभाव में होनेवाले देशों की सुरक्षा तय करने की कोशिश कर रहे हैं। अफ़गानिस्तान की अस्थिरता का सीधा असर अफ़गानिस्तान की सीमा से जुड़े मध्य एशियाई देशों पर होगा। किसी समय सोवियत रशिया का हिस्सा रहें इन देशों की सुरक्षा को ही चुनौती देना यानी रशिया की सुरक्षा को ही चुनौती देना है। इसी कारण रशिया अफ़गानिस्तान में जारी गतिविधियों का बड़ी सावधानी से निरीक्षण करता दिखाई दे रहा है।

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