अफ़गानिस्तान में हुए आतंकी हमले में दो प्राध्यापकों की मौत – डेढ़ महीने में १६८ ढ़ेर

काबुल – अफ़गानिस्तान की राजधानी काबुल में आतंकियों ने किए ‘आयईडी’ के विस्फोट में दो प्राध्यापक मारे गए हैं। बीते कुछ हफ्तों में राजधानी काबुल में ‘आयईडी’ का इस्तेमाल करके किए जा रहे विस्फोटों की संख्या बढ़ी होने की ओर अफ़गान सुरक्षा यंत्रणा ध्यान आकर्षित कर रही है। इसी बीच, ठंड़ का मौसम कम होना शुरू होने से अगले कुछ महीनों में अफ़गानिस्तान में तालिबान के हमलों में बढ़ोतरी हो सकती है, ऐसा इशारा यहां पर तैनात अमरिकी सेना ने दिया है।

afghan-blastकाबुल के ‘पीडी३’ मार्ग से सफर कर रही गाड़ी को आतंकियों ने गुरूवार सुबह ‘आयईडी’ का विस्फोट करके लक्ष्य किया। इस गाड़ी से मुबशिर मुस्लिमयार और मारूफ रसिख नामक दो प्राध्यापक यात्रा कर रहे थे। इस विस्फोट में दोनों प्राध्यापकों की मौत हुई और अन्य कुछ लोग घायल हुए। इस हमले की ज़िम्मेदारी अभी किसी भी संगठन ने स्वीकारी नहीं है। लेकिन, ‘आयईडी’ का इस्तेमाल होने के कारण इस हमले में तालिबान या पाकिस्तानी आतंकी संगठन का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है।

बीते डेढ़ महीने में राजधानी काबुल में युनिवर्सिटी के प्राध्यपकों पर हुआ यह दूसरा हमला है। इससे पहले एक महिला प्राध्यापक की गाड़ी पर आतंकियों ने गोलीबारी की थी। इन हमलों की वजह से आतंकी अब अफ़गानिस्तान में विकसित हो रही शिक्षा व्यवस्था को लक्ष्य कर रहे हैं, ऐसी आलोचना शुरू हुई है। इस वजह से इन हमलों के लिए तालिबान ही ज़िम्मेदार होने के दावे किए जा रहे हैं।

afghan-blastअफ़गानिस्तान की नामांकित वृत्तसंस्था ने जारी की हुई जानकारी के अनुसार फ़रवरी महीने से राजधानी काबुल में तालिबान ने ‘आयईडी’ के हमले करके १६८ लोगों को ढ़ेर किया है और इन हमलों में १७२ से अधिक घायल हुए हैं। दोहा में हो रही बातचीत रुकने के बाद इन हमलों में बढ़ोतरी होने की बात इस वृत्तसंस्था ने कही है। कुछ ठिकानों पर तालिबान ने किए ‘टार्गेटेड किलिंग’ की ओर भी इस वृत्तसंस्था ने ध्यान आकर्षित किया है।

राजधानी काबुल में हुए इस हमले के कुछ घंटे पहले अफ़गान सुरक्षा यंत्रणा ने कंधार में की हुई कार्रवाई में ११ तालिबानी आतंकियों को ढ़ेर किया था। कंधार के बाबूर क्षेत्र में तालिबान के आतंकी छुपकर बैठे थे। अफ़गान सुरक्षा यंत्रणा ने लष्करी और हवाई कार्रवाई करके इन आतंकियों को ढ़ेर किया। इसके बाद बीते कुछ दिनों से बाबूर क्षेत्र में बंद हुई स्कूलों को अब दुबारा शुरू किया गया है, यह जानकारी भी सामने आयी है।

afghan-blastइसी बीच, बीते कुछ हफ्तों से तालिबान के बढ़ते हमलों पर अफ़गानिस्तान में तैनात अमरिकी सेना के प्रमुख जनरल स्कॉट मिलर ने चिंता जताई है। ठंड़ के मौसम में तालिबान के हमलों की देखी गई तीव्रता को ध्यान में रखा जाए तो ठंड़ का मौसम खत्म होने के बाद यानी अगले कुछ दिनों में अफ़गानिस्तान में तालिबान के हमले अधिक तीव्र हो सकते हैं, ऐसा इशारा जनरल मिलर ने दिया। ऐसा होने पर अफ़गानिस्तान की शांतिवार्ता के लिए खतरा निर्माण होगा, यह बयान भी जनरल मिलर ने अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था से की बातचीत के दौरान किया।

तभी, अफ़गानिस्तान की शांतिवार्ता का उल्लंघन तालिबान ने नहीं, बल्कि अमरीका ने किया है, ऐसा आरोप रशिया ने किया है। अफ़गानिस्तान में वास्तव में स्थिरता स्थापित करनी हो तो अमरीका ने सेना की वापसी से संबंधित अपने वचन से कटिबद्ध रहना होगा, ऐसा बयान रशिया ने अफ़गानिस्तान के लिए नियुक्त किए हुए विशेषदूत ज़मिर काबुलोव ने किया है।

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