कनाडा की ‘जी-७’ की बैठक में – अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के साथ की चर्चा निराशाजनक – जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल

बर्लिन: कनाडा में हुई ‘जी७’ समूह की बैठक में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के साथ हुई चर्चा बहुत ही निराशाजनक थी, ऐसी आलोचना जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने की है। उसी समय अमरिका ने यूरोपीय देशों पर लादे करों के खिलाफ यूरोपीय महासंघ जोरदार प्रत्युत्तर देगा, ऐसी चेतावनी भी मर्केल ने दी है। ‘जी७’ की बैठक के बाद यूरोपीय देशों का अमरिका के साथ तनाव अधिक बढ़ने वाला है, ऐसे संकेत मिल रहे हैं और इस पृष्ठभूमि पर रशिया के साथ सहकार्य बढाने की संभावना भी मर्केल ने जताई है।

कनाडा, जी-७, बैठक, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प, चर्चा, निराशाजनक, एंजेला मर्केल, जर्मन, अमरिकाकनाडा में हुई ‘जी७’ की बैठक में अमरिका और अन्य देशों के बीच मतभेद प्रखर रूपसे सामने आए हैं। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ‘जी७’ की बैठक को बीच में ही छोड़कर सिंगापूर चले गए। ट्रम्प ने कनाडा छोड़ने के बाद ‘जी७’ समूह की तरफ से संयुक्त निवेदन की घोषणा की गई थी। लेकिन उसमें के व्यापार और अन्य मुद्दों पर नाराजगी दर्शाकर ट्रम्प ने ‘जी७’ के संयुक्त निवेदन से पीछे हटकर खलबली मचाई थी।

ट्रम्प का पीछे हटना और कनाडा के साथ साथ अन्य देशों की की आलोचना के खिलाफ तीव्र प्रतिक्रिया आ रही है। जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने एक साक्षात्कार के दौरान ट्रम्प की भूमिका की जोरदार आलोचना की। ‘जी७’ की बैठक में ट्रम्प के साथ हुई चर्चा बहुत ही निराशाजनक थी। उससे कुछ विशेष हासिल नहीं हुआ है, ऐसा मर्केल ने कहा है।

व्यापार के मुद्दे पर यूरोपीय देशों ने अपनी भूमिका कायम रखी है और अमरिका ने अगर कर लगाने का निर्णय कायम रखा तो महासंघ एकजुट होकर, उसे प्रत्युत्तर देगा, ऐसी चेतावनी भी मर्केल ने दी है। ट्रम्प ने पिछले कुछ महीनों में ‘अमरिका फर्स्ट’ इस नीति का आक्रामक रूपसे पुरस्कार करके चीन, कनाडा, जापान के साथ छः यूरोपीय देशों के खिलाफ आयात कर लादे हैं। यूरोपीय नेताओं ने बार बार चर्चा करने के बाद भी ट्रम्प ने आक्रामक भूमिका कायम रखी है।

व्यापार और अन्य मुद्दों को लेकर यूरोपीय देश और अमरिका के दौरान तनाव बढ़ रहा है, ऐसे में चांसलर मर्केल ने रशिया के साथ संवाद कायम रखने की भूमिका का समर्थन किया है। युक्रेन, सीरिया जैसे अनेक मुद्दों पर रशिया का सहभाग आवश्यक है, ऐसा मर्केल ने कहा है। लेकिन उसी समय ‘जी७’ में रशिया के प्रवेश के बारे में ट्रम्प ने रखा हुआ प्रस्ताव बहुत समाधानकारक नहीं था, ऐसा दावा भी उन्होंने किया है।

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