अफ़गानिस्तान में आतंकी गतिविधियाँ जारी रखकर हक्कानी नेटवर्क के आतंकियों को ‘ब्लैक लिस्ट’ से हटाने की तालिबान ने की माँग – अमरीका को दोहा समझौते की याद दिलाई

हक्कानी नेटवर्ककाबुल – ‘आपका कत्ल नहीं हुआ, इसी को खुशनसीबी समझो’, इन शब्दों में तालिबान के आतंकियों ने महिलाओं के प्रदर्शनों की खबर प्रसिद्ध करनेवाले पत्रकारों को चाबुक से सजा देने क समर्थन किया। इसके अलावा अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रही महिलाओं को भी तालिबानी आतंकियों ने इसी तरह की क्रूर सज़ा दी है। इस वजह से तालिबान में सुधार होने के दावे खारिज़ हुए हैं। अफ़गानिस्तान से तालिबान की ऐसी भयंकर हरकतों की खबरें सामने आ रही हैं। तो, अमरीका ने तालिबान के नेताओं को अभी तक आतंकियों की ‘ब्लैक लिस्ट’ में कायम रखा है, इस पर तालिबान ने नाराज़गी जताई। यह दोहा में हुए समझौते का उल्लंघन है, ऐसा तालिबान का कहना है।

बीते कुछ दिनों से अफ़गानिस्तान की जनता जोरदार प्रदर्शन कर रही है। अफ़गान जनता ने सैंकड़ों की संख्या में सड़कों पर उतरकर समान अधिकारों के लिए एवं पाकिस्तान के हस्तक्षेप के खिलाफ नारेबाज़ी की है। अब तक तालिबानी आतंकियों ने इन प्रदर्शनकारियों पर आंसूगैस का प्रयोग करने की खबरें सामने आयी थीं। लेकिन, दो दिन पहले सरकार का गठन करने का ऐलान करने के बाद तालिबान ने इन प्रदर्शनकारियों पर तीव्र कार्रवाई करना शुरू किया है।

हक्कानी नेटवर्कअंदरुनि सुरक्षा का ज़िम्मा प्राप्त हुए सिराजुद्दीन हक्कानी ने अफ़गानिस्तान में जारी सभी प्रदर्शन अवैध करार दिए हैं। साथ ही प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश भी अंदरुनि सुरक्षा मंत्रालय ने जारी किए हैं। प्रदर्शन के लिए इस दौरान होनेवाली नारेबाज़ी की अनुमति पहले से प्राप्त करने की सूचना तालिबान ने की है। यह आदेश जनता की आवाज़ दबाने का तरीका है, ऐसी इसकी आलोचना हो रही है।

इन आदेशों पर अमल होने से कुछ घंटे पहले तालिबान के आतंकियों ने काबुल में प्रदर्शनों का कवरेज कर रहे दो अफ़गान पत्रकारों को हिरासत में लिया। तालिबानी आतंकियों ने इन पत्रकारों की लात और मुक्कों से मारपीट की और चाबुक के फटके भी लगाए। इनमें से एक पत्रकार का सिर पैर के निच कुचलने का प्रकार भी हुआ है। अंतरराष्ट्रीय माध्यमों के सामने आयी हुई यह पहली घटना है और बीते कुछ दिनों में तालिबान ने दर्ज़न से अधिक पत्रकारों को हिरासत में लेकर उनको मारपीट करने का दावा किया जा रहा है।

हक्कानी नेटवर्ककेवल पत्रकार ही नहीं बल्कि, तालिबान ने महिला प्रदर्शनकारियों से भी अमानवी मारपीट करने के वीडियो और फोटो सामने आए हैं। तालिबानी आतंकियों ने एक महिला को चाबुक से तो दूसरी महिला को बंदूक से मारपीट करने की घटना हुई है। इस वजह से ‘तालिबान २.०’ यानी तालिबान सुधारवादी बनने के दावे पूरी तरह से झूठे हैं।

साथ ही तालिबान की सरकार में मौजूद हक्कानी नेटवर्क के सदस्यों को अभी भी ‘ब्लैक लिस्ट’ में रखकर अमरीका दोहा समझौते का उल्लंघन कर रही है, यह आरोप तालिबान ने लगाया है। हक्कानी नेटवर्क के हर सदस्य को ब्लैक लिस्ट से हटाने का वादा अमरीका ने किया था, यह आरोप तालिबान ने लगाया। इसी बीच, हक्कानी नेटवर्क तालिबान का सबसे क्रूर संगठन है और अमरीका के हितों पर हुए आत्मघाती हमलों के पीछे यही संगठन होने की बात पहले ही सामने आयी थी।

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