तालिबान ने सर्वसमावेशक सरकार बनाने के वचन का पालन नहीं किया – यूरोपिय महासंघ का आरोप

ब्रुसेल्स/वॉशिंग्टन – अफ़गानिस्तान की तालिबानी हुकूमत ने सर्वसमावेशक सरकार गठन करने से संबंधित वचनों का पालन नहीं किया है, यह आरोप यूरोपिय महासंघ ने लगाया है। तभी, चीन ने तालिबान की सरकार के गठन के बाद अराजकता खत्म हुई, यह प्रतिक्रिया दर्ज़ करके स्वागत किया है। अमरीका ने फिलहाल तालिबान को स्वीकृति प्रदान करने से इन्कार किया है। तालिबान द्वारा गठित की गई अंतरिम सरकार में कुख्यात आतंकियों का समावेश होने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे स्वीकृति प्राप्त होना कठिन होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

सर्वसमावेशक सरकारतालिबान ने मंगलवार के दिन अफ़गानिस्तान में सरकार का गठन करने का ऐलान किया था। इसमें अंतरराष्ट्रीय आतंकी सिराजुद्दिन हक्कानी समेत मुल्ला हसन अखुंद, मुल्ला बरादर और मुल्ला याकूब का समावेश है। लेकिन, इससे पहले तालिबान ने कहे मुताबिक अफ़गानिस्तान में सभी गुट, अल्पसंख्यांक एवं महिलाओं को सरकार में स्थान प्राप्त नहीं हुआ। इसका पश्‍चिमी देशों ने गंभीरता से संज्ञान लेने की बात यूरोपिय महासंघ की प्रतिक्रिया से ज्ञात हो रही है।

‘तालिबान ने घोषित किए नामों का विश्‍लेषण करने के बाद यह सरकार सर्वसमावेशक ना होने की बात दिख रही है। अफ़गानिस्तान के धार्मिक एवं वांशिक विविधता का प्रतिनिधित्व इस सरकार में नहीं है। तालिबान ने बीते कुछ हफ्तों में जो वचन दिए थे और उससे जो उम्मीदें थीं, उसकी पूर्तता ना होने की बात दिख रही है’, ऐसा आरोप यूरोपिय महासंघ ने लगाया है। महासंघ ने तालिबान से ताल्लुकात स्थापित करने की प्रक्रिया में पांच शर्तें रखीं थी। इसमें सर्वसमावेशक सरकार गठित करने की प्रमुख शर्त रखी थी, यह बात महासंघ के प्रवक्ता ने दर्ज़ की।

सर्वसमावेशक सरकारतालिबान को स्वीकृति देने की संभावना काफी दूर होने का बयान अमरीका ने किया था। तो, महासंघ की इस प्रतिक्रिया से यूरोपिय देश भी तालिबान की सरकार को स्वीकृति प्रदान करने में जल्दबाज़ी नहीं करेंगे, यही संकेत देनेवाली साबित हुई है। दूसरी ओर चीन ने तालिबान की सरकार गठन का स्वागत किया है। तालिबान ने सरकार गठन करने का ऐलान करने से अराजकता का दौर खत्म हुआ, ऐसा बयान चीन ने किया। अफ़गानिस्तान का पुनर्निर्माण और कानून एवं सुव्यवस्था स्थापित करने के लिए यह अहम कदम है, ऐसा चीन के प्रवक्ता ने कहा। तालिबान का ऐलान चीन के नज़रिये से अहम है, यह भी चीन ने कहा है।

चीन ने भले ही स्वागत किया हो, फिर भी चीन और तालिबान के ताल्लुकात में अड़ंगे निर्माण हो सकते हैं, ऐसा अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने कहा है। साथ ही चीन इससे मार्ग निकालने की कोशिश करेगा, यह दावा भी उन्होंने किया। चीन के साथ ही पाकिस्तान, रशिया और ईरान भी तालिबान के मुद्दे पर समझौता करने की कोशिश करेंगे, यह संकेत बायडेन ने दिए हैं। इसी बीच, बुधवार के दिन अमरीका और जर्मनी की पहल से तालिबान की हुकूमत के मुद्दे पर प्रमुख देशों की बैठक का आयोजन होने की जानकारी सामने आयी है।

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