चीनी विमानों की घुसपैठ पर ताइवान का जवाब

घुसपैठताइपे/बीजिंग – ताइवान की हवाई सीमा में घुसपैठ करनेवाले चीन के विमानों को ‘वॉर्निंग’ दी गई है, ताइवान के रक्षा विभाग ने यह जानकारी प्रदान की। शुक्रवार के दिन चीन के शासक कम्युनिस्ट पार्टी का ७२ वां स्थापना दिवस था। इस पृष्ठभूमि पर ताइवान पर दबाव बढ़ाने के लिए चीन की ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ (पीएलए) के कुल २५ विमानों ने ताइवान की हवाई सीमा में घुसपैठ की। इससे पहले १५ जून के दिन २८ चीनी विमानों ने ‘एअर डिफेन्स आयडेंटिफिकेशन ज़ोन’ (एडीआयज़ेड) में घुसपैठ की थी।

शुक्रवार की सुबह से ही ‘पीएलए’ ने ताइवान की सीमा में घुसपैठ शुरू की थी, यह जानकारी ताइवान के रक्षा विभाग ने प्रदान की। इस घुसपैठ के दौरान चीन के ‘वाय-८ एण्टी सबमरिन एअरक्राफ्ट’ के साथ १८ ‘जे-१६ फायटर जेटस्‌’, ४ ‘एसयू-३०’ और २ ‘एच-६ बॉम्बर्स’ विमानों ने ताइवान की सीमा में प्रवेश किया था। बीते पांच महीनों में चीन के विमानों की यह तीसरी बड़ी घुसपैठ है। शुक्रवार की घुसपैठ पर ताइवान ने सटीक जवाब दिया है और चीनी जेटस्‌ को ‘वॉर्निंग’ देने के साथ ही अपनी ‘एअर डिफेन्स मिसाइल सिस्टम’ भी तैनात करने की जानकारी रक्षा विभाग ने साझा की।

घुसपैठजून में चीन ने अपने २८ विमान भेजने के बाद २३ सितंबर के दिन २४ विमानों ने ताइवान के ‘एडीआयज़ेड’ में घुसपैठ की थी, यह जानकारी भी ताइवान के रक्षा विभाग ने प्रदान की। सितंबर में ‘पीएलए’ के कुल ११७ विमानों ने ताइवान की हवाई सीमा में घुसपैठ की थी। चीन द्वारा लगातार हो रही यह घुसपैठ यानी ताइवान के खिलाफ शुरू किए हुए ‘ग्रे ज़ोन वॉरफेअर’ का हिस्सा माना जा रहा है। वर्ष २०१० के बाद के दशक में चीन ने इस ‘वॉरफेअर’ का इस्तेमाल शुरू किया है। ताइवान के रक्षाबलों को परेशान करके हमेशा के लिए दबाव रखना ही इसका प्रमुख उद्देश्‍य माना जा रहा है।

घुसपैठइसी बीच विमानों की घुसपैठ से पहले चीन ने ताइवान के विदेशमंत्री की आलोचना करने की बात भी सामने आयी है। इसके लिए कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओ ने लिखी कविता के शब्दों का इस्तेमाल किया है। ताइवान के विदेशमंत्री जोसेफ वु बड़ी आवाज़ में गुनगुनानेवाले और रोती मछली जैसे हैं, ऐसा बयान चीन के ‘ताइवान अफेअर्स ऑफिस’ ने जारी किए निवेदन में किया है। इसमें मछली का किया हुआ ज़िक्र माओ की ‘द रिवर ऑल रेड’ नामक कविता का हिस्सा है। इस पर जवाब देते समय यह आलोचना प्रतिक्रिया दर्ज़ करने के लायक भी ना होने की बात ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कही है।

अगले हफ्ते में फ्रान्स के सिनेटर अलेन रिचर्ड शिष्टमंड़ल के साथ ताइवान के दौरे पर आने की तैयारी में होने की बात सामने आयी है। इस शिष्टमंड़ल का ताइवान के विदेश विभाग ने स्वागत किया है और चीन के माध्यमों ने आलोचना करते हुए इसे एक मूर्खता की चाल कहा है। अमरीका के दबाव में ऑस्ट्रेलिया ने फ्रान्स से पनडुब्बियाँ खरीदने से इन्कार किया था। इसके बावजूद फ्रान्स ताइवान में अपना शिष्टमंड़ल भेज रहा है, यह मूर्खता का विचार चीन के सरकारी अखबार ने व्यक्त किया है।

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