चीन का सामना करने के लिए तैवाने ने अमरिका के सामने रखी प्रगत विमान देने की मांग

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरतैपेई – चीन की सेना से अपनी सुरक्षा के लिए बने खतरे में बढोतरी हो रही है, यह बात रेखांकित करके तैवान ने अमरिका के सामने ६६ प्रगत विमान देने की मांग रखी है| अपना यह मांग पत्र अमरिका भेजा गया है, यह जानकारी तैवान के उपरक्षा मंत्री ‘शेन यी मिंग’ इन्होंने दी| वही, अमरिका ने भी तैवान के लिए प्रगत विमानों की जल्द ही आपुर्ति करने के संकेत दिए है| इसके अलावा तैवान ने स्वदेशी ‘नेक्स्ट जनरेशन’ लडाकू विमान का निर्माण शुरू किया है, यह ऐलान तैवान के रक्षा मंत्रालय ने किया है|

पिछले कुछ वर्षों में चीन ने अपने रक्षा सामर्थ्य में कीफी बडी बढोतरी की है| साथ ही इस रक्षा सामर्थ्य के बलबुते पर चीन तैवान को धमका रहा है, यह आरोप उपरक्षा मंत्री शेन इन्होंने हाल ही में किया?था| ‘चीन के इस बढते सामर्थ्य का सामना करने के लिए तैवान को भी अपने रक्षा सामर्थ्य में बढोतरी करनी होगी’, ऐसा उपरक्षा मंत्री शेन इन्होंने माध्यमों के साथ हुई बातचित में स्पष्ट किया|

इसके लिए तैवान अपनी वायुसेना के सामर्थ्य में बढोतरी करने पर विचार कर रहा है और इस संबंध में अमरिका को प्रगत लडाकू विमान देने के विषय पर पुछा गया है, ऐसी जानकारी शेन इन्होंने दी| लगभग ६६ विमानों की खरीद करने की इच्छा तैवान ने अमरिकी रक्षा मंत्रालय को दिए पत्र में जताई है| इसके लिए १३ अरब डॉलर्स का समझौता करने की तैयारी होने की घोषणा रक्षा मंत्री शेन इन्होंने की है|

अमरिकी रक्षा मंत्रालय के साथ बातचीत करके ‘लॉकहिड मार्टिन’ कंपनी से ‘एफ-१५’, ‘एफ१६ व्ही’ या ‘एफ-३५’ विमान खरीदी करने में रुचि होने की बात तैवान ने स्पष्ट की है| इस में से ‘एफ-१६व्ही’ इस प्रगत आवृत्ति के विमान खरीद ने की इच्छा तैवान ने व्यक्त की है.| वही, अमरिका भी इस विमानों के सौदे के लिए तैयार होने के संकेत तैवान के माध्यमों ने दिए है| वर्ष २०२० तक तैवान की वायुसेना के बेडे में ‘एफ-१६व्ही’ विमानों का पहला जत्था दाखिल होगा, यह तैवानी माध्यमों का कहना है|

तैवान की वायुसेना में इससे पहले ही अमरिकी और फ्रेंच निर्माण के लडाकू विमान मौजूद है| इसमें ९० के दौर के अमरिकी ‘एफ-१६’ और फ्रान्स के ‘मिराज २०००’ इन विमानों का समावेश है| तैवान की वायुसेना सिर्फ विदेश से प्राप्त सहयोग पर निर्भर नही है स्वदेशी निर्माण के विमान भी तैवान के बेडे में मौजूद है| तैवान के रक्षा मंत्रालय से जुडे एक कंपनी ने अतिप्रगत लडाकू विमान का निर्माण शुरू होने की जानकारी दी है| दो वर्ष पहले ही इस दिशा में कदम उठाए गए थे, यह दावा तैवान के वायुसेना अधिकारी ने किया है|

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने चीन के विरोध को जरा भी किमत दिए बिना तैवान को लष्करी सहयोग करने के लिए वरीयता दी है| इस वजह से तैवान ने रखी लडाकू विमान देने के मांग अमरिका स्वीकार करती है तो चीन की कडी प्रतिक्रिया प्राप्त हो सकती है| तैवान अपना ही सार्वभौम हिस्सा होने का दावा चीन करता है| साथ ही अन्य किसी भी देश ने तैवान के साथ राजनयिक, आर्थिक, व्यापारी एवं लष्करी सहयोग स्थापित ना करे, यह चेतावनी भी चीन ने दी हुई है|

अमरिका और तैवान के बीच बढते सहयोग पर भी चीन ने आपत्ति जताई थी| साथ ही चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग इन्होंने दो महीने पहले तैवान के विलय का ऐलान किया था| इसके लिए तैवान पर लष्करी कब्जा करने की और साथ ही अमरिका को भी गंभीर परीणामों की धमकी चीन ने दी थी| इस पृष्ठभूमि पर तैवान ने अमरिका के सामने रखी मांग की अहमियत बढी है|

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