व्यापारयुद्ध की पृष्ठभूमि पर चीन ने ‘युआन’ का अवमुल्यन करना अमरिका के लिए चेतावनी होने के संकेत

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबीजिंग/वॉशिंगटन – अमरिका के साथ व्यापार युद्ध अधिक तीव्र रूप धारण कर रहा है और ऐसे समय चीन ने अपने युआन चलन का मूल्य प्रति डॉलर ७ तक नीचे गिराया हैं| चीन के केंद्रीय बैंक ने इस विमूल्यन के बारे में घोषणा करते हुए अमरिका द्वारा जारी किए कर, एक तरफा निर्णय एवं रक्षावादी व्यापारी धारणाओं का उल्लेख किया है| जिसकी वजह से यह विमूल्यन मतलब अमरिका के विरोध में व्यापार युद्ध में चीन ने दिया प्रत्युत्तर होने की बात मानी जा रही है| अमरिका ने चीन से युआन के मूल्य के बारे में लगातार किए जानेवाले बदलाव के बारे में आक्रामक भूमिका ली है और यह व्यापारी लूट का भाग होने का भीषण आरोप किया था|

इससे पहले चीन ने लगातार अपने चलन युआन का मूल्य स्थिर रखने के लिए एवं वह विशिष्ट मर्यादा के पार न जाए, इसके लिए प्रयत्न किए थे| चीन की केंद्रीय बैंक ने प्रति डॉलर सात युवान यह मर्यादा निश्चित की है और उसके नीचे मूल्य नहीं गिरेगा, इस पर ध्यान दिया था| इसके लिए चीन से लगातार अपने वित्त व्यवस्था में अरबों डॉलर डाले गए हैं| पर अमरिका के साथ व्यापार युद्ध शुरू होने से चीन की वित्त व्यवस्था को बहुत बड़े झटके लगने शुरू हुए हैं और चीन ने अमरीकी डॉलर में किया निवेश घटाना शुरू किया है|

इस पृष्ठभूमि पर सोमवार को युआन का मूल्य सीधे प्रति डॉलर ७ एवं उसके बाहर ले जाने का निर्णय झटका देनेवाला ठहरा है| इससे पहले जागतिक मंदी के समय में अंतरराष्ट्रीय बाजार में बने दबाव एवं वित्त व्यवस्था की उथल-पुथल की वजह से युआन के मूल्य प्रति डॉलर ७ तक गया था| पर उसके बाद पिछले ११ वर्षों से चीन ने युआन का विमूल्यन विशिष्ट मर्यादा के पार नहीं होने की तरफ ध्यान दिया था| सोमवार को युआन के मूल्य में लगभग १.४ की गिरगावट हुई और सीधे ७ के पार जाने देने का निर्णय खलबली फैलानेवाला ठहरा है|

चीन ने अपने चलन का विमूल्यन करे व्यापार युद्ध में चलन का इस्तेमाल शस्त्र के तौर पर करने के संकेत दिए हैं, ऐसा दावा वित्त विशेषज्ञ तथा विश्‍लेषकों ने किया है| यह विमूल्यन करते हुए अमरिका ने जारी किए कर उनका प्रमुख कारण होने का किया गया उल्लेख अमरीका के सामने मुश्किलें खडी करने के लिए है और इसपर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की तीव्र प्रतिक्रिया आने की आशंका होने का मत विश्‍लेषकों ने व्यक्त किया है| इससे पहले राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने लगातार चीन को ‘करंसी मैनिपुलेटर’ साबित करने के लिए कदम उठाए थे, इसकी तरफ विश्‍लेषकों ने ध्यान केंद्रित किया है|

दौरान युआन के विमूल्यन की कडी गुंज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उमड़ रही है| चीन की इस घोषणा के बाद एशिया एवं यूरोप के शेअर बाजार में जोरदार गिरावट हुई| जिसमें जापान, दक्षिण कोरिया, हॉंगकॉंग एवं ब्रिटेन के शेअर बाजार का समावेश है| जिसकी वजह से कच्चे तेल के दाम नीचे आए हैं और सोने का दाम बढकर प्रति औंस १४५० डॉलर्स के स्तर के पार गया है|

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