सीरियन लष्कर की ‘ईस्टर्न घौता’ की कारवाइ मतलब मानवताविरोधी अपराध- संयुक्त राष्ट्रसंघ की टीका 

जीनिव्हा/वॉशिंग्टन: सीरिया के ‘ईस्टर्न घौता’ और अन्य इलाकों में सीरियन जनता पर किए जा रहे हमले मतलब मानवता विरोधी अपराध हैं। सीरियन सरकार को इन अपराधों की सजा भुगतनी पड़ेगी, ऐसा इशारा संयुक्त राष्ट्रसंघ के मानवाधिकार संगठन के प्रमुख ‘झईद राद अल-हुसेन’ ने दिया है। संयुक्त राष्ट्रसंघ के इस इशारे पर सीरियन सरकार ने टीका की है।

ईस्टर्न घौता

सीरियन राजधानी दमास्कस के पास के ‘ईस्टर्न घौता’ इलाके में १८ फ़रवरी से भडके ११ दिनों के संघर्ष में ६५० से अधिक लोगों की जान गयी है। संयुक्त राष्ट्रसंघ के आदेश के बाद चार दिनों पहले रशिया ने लागू की संघर्षबंदी के बाद भी ‘ईस्टर्न घौता’ में १०३ लोगों के मारे जाने की जानकारी सामने आ रही है। संघर्षबंदी के काल में सीरियन लष्कर ने की कारवाइ में यह जीवितहानि होने का आरोप स्थानीय संगठन कर रहे हैं।

‘ईस्टर्न घौता’ में लागू की गयी संघर्षबंदी भी सफल साबित नहीं हुयी है, ऐसी टीका अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन कर रहा है। ‘ईस्टर्न घौता’ के लिए मदद लेकर रवाना हुयी गाड़ियाँ रशिया और सीरियन लष्कर ने इस शहर की सीमा पर ही रोककर रखने के फोटोग्राफ्स प्रसिद्ध हुए हैं। इस वजह से हजारो जख्मी नागरिक अधूरी वैद्यक सुविधाएं और जीवनावश्यक चीजों से वंचित रहने की टीका ब्रिटन स्थित मानवाधिकार संगठन ने की है।

संयुक्त राष्ट्रसंघ के मानवाधिकार संगठन के अध्यक्ष ‘अल-हुसेन’ ने इस उदाहरण का प्रमाण देकर इस के लिए सीरियन लष्कर पर अपराधिक कारवाइ का आरोप लगाया है। इस अपराध की दखल और सबूत अपने विभाग ने लिए हैं और जल्द ही इस संबंध में ‘डॉसियर’ तैयार किया जा रहा है, जिसे राष्ट्रसंघ के सामने पेश किया जाएगा, ऐसा ‘अल-हुसेन‘ जीनिव्हा की बैठक में स्पष्ट किया है।

संयुक्त राष्ट्रसंघ के सीरिया के राजदूत ‘हुसम आला’ ने मानावाधिकार संगठन के अध्यक्ष ‘अल-हुसेन’ के इशारे पर टीका की है। ‘अल-हुसेन’ के आरोप पक्षपाती हैं और राजनीतिक हेतु से प्रेरित होने का आरोप सीरियन राजदूत ने लगाया है।

दौरान, अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने भी सीरियन सरकार पर जमकर टीका की है। अस्साद राजवट की ओर से सीरियन जनता पर हो रहे अत्याचार अमरिका बर्दाश्त नहीं करेगा। ‘ईस्टर्न घौता’ में सीरियन सरकार और लष्कर की कारवाइयों के लिए रशिया को जिम्मेदार ठहराया जाएगा, ऐसा व्हाईट हाउस ने इशारा दिया है।

पिछले सात सालों से सीरिया में चल रहे संघर्ष में करीब ५ लाख लोगों की जान गयी है और ८ लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। इस संघर्ष की वजह से देशांतरण करने वाले सीरियन नागरिकों की संख्या ५१ लाख से भी आगे है और यह नागरिक सीरिया के पडौसी देशों में बिगड़ी हुयी अवस्था में रह रहे हैं।

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