सीरिया में रशिया के अतिप्रगत ‘सु-५७’ लड़ाकू विमान तैनात 

दमास्कस: सीरिया के राजधानी दमास्कस के पास स्थित ‘ईस्टर्न घौता’ में चल रहा संघर्ष अधिक भयानक रूप धारण कर रहा है। दस दिनों में ५०० से अधिक जानें लेने वाले इस संघर्ष में अब रासायनिक हमले हो रहे हैं, ऐसा आरोप ईरानी वृत्तसंस्थाएँ कर रही हैं। साथ ही इसे अमरिका और पश्चिमी देशों का समर्थन मिल रहे सीरियन बागी और आतंकवादी जिम्मेदार हैं, ऐसा आरोप भी इन वृत्तसंस्थाओं ने किया है। सीरिया का यह संघर्ष उग्ररूप धारण कर रहा है, ऐसे में रशिया ने पांचवीं श्रेणी के अपने लड़ाकू विमान ‘सु-५७’ सीरिया में तैनात किए हैं। इस्रायल के उपग्रहों ने रशियन विमानों के फोटोग्राफ्स लिए हैं।

‘ईस्टर्न घौता’ के संघर्ष को लेकर संयुक्त राष्ट्रसंघ में अमरिका और रशिया के बीच बहुत आरोप प्रत्यारोप हुए हैं। इसके बाद संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद ने इस इलाके में ३० दिनों की संघर्षबंदी का आवाहन करके इसकी सूचना जारी की थी। इसके बाद भी ‘ईस्टर्न घौता’ का संघर्ष नहीं रुका है, ऐसा दावा किया जाता है। उल्टा यहाँ पर रासायनिक हमले शुरू होने का दावा किया जाता है। यहाँ पर करीब १८ लोगों को साँस लेने में तकलीफ शुरू हुई है और उनपर इलाज शुरू होने की जानकारी अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने दी है। ईरान की वृत्तसंस्थाओं ने इसके लिए सीरियन बागी और आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराया है। कुछ दिनों पहले सीरियन बागी और आतंकवादी रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करेंगे और उसके लिए सीरियन राजवट को जिम्मेदार ठहराएंगे, ऐसा रशिया ने इशारा दिया था। उसका प्रमाण ईरानी वृत्तसंस्थाएं दे रहीं हैं।

‘ईस्टर्न घौता’ की परिस्थिति बिगड़ रही है, ऐसे में रशिया ने अपने ‘सु-५७’ लड़ाकू विमान सीरिया में तैनात करने की बात स्पष्ट हुई है। यह पांचवी श्रेणी के अतिप्रगट लड़ाकू विमान हैं और पिछले वर्ष रशिया के मॉस्को शहर में हुए ‘एयर शो’ में इन विमानों की कसरतें देखने को मिलीं थी। उसके बाद यह अतिप्रगत विमान रशिया ने सीरिया में तैनात किए हैं। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध की क्षमता वाले और अतिप्रगत रडार यंत्रणा से सज्जित इन विमानों की सीरिया में तैनाती के द्वारा रशिया ने सीरिया के विरोधकों को कठोर इशारा दिया है, ऐसा दिखाई दे रहा है। अभी तक अधिकृत स्तरपर रशिया ने इसकी घोषणा नहीं की है, फिर भी इस्रायली उपग्रहों ने सीरिया में तैनात किए गए इन रशियन विमानों के फोटोग्राफ्स प्रसिद्ध किए हैं।

पिछले कुछ हफ़्तों से सीरिया का संघर्ष बढ़ने की बात सामने आ रही है और इस्रायल ने सीरिया में किए हवाई हमले के बाद परिस्थिति अधिक भीषण बन गई है। इस हवाई हमले में इस्रायल को अपने ‘एफ-१६’ विमान को गंवाना पडा था। इसके बाद इस्रायल ने सीरिया में हवाई हमले किए, तो उसे प्रत्युत्तर दिया जाएगा, ऐसा इशारा सीरिया ने दिया था। ईरान भी इस्रायल को सीरिया के हमलों को लेकर इशारे दे रहा है। रशिया ने सटीक शब्दों में इस्रायल को सीरिया में हमले किए तो गंभीर परिणाम होंगे, ऐसा इशारा दिया था। लेकिन इस्रायल ने उस बात की तरफ नजरअंदाज करके, आवश्यकता हुई तो फिर से सीरिया पर हवाई हमले किए जाएंगे, एशिया घोषित किया है।

इस पृष्ठभूमि पर, रशिया के ‘सु-५७’ विमान सीरिया में तैनात किए गए  हैं। उसी समय सीरिया की राजधानी के पास चल रहे संघर्ष के भी भीषण परिणाम इस देश में और आसपास के इलाके में दिखाई दे रहे हैं। सीरिया के पडौसी देश भी अब युद्ध के साये में हैं, ऐसा ईरान के उपराष्ट्र्मंत्री अब्बास अराघची ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा है।

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