रशिया में सीरिया विषयक चर्चा नाकाम – चर्चा में अस्साद विरोधकों की रशियन विदेशमंत्री पर टिपण्णी, चर्चा पर बहिष्कार

सोची: सीरिया के लिए आगामी संविधान नियोजित करना और सरकार चुनाव की प्रक्रिया पर चर्चा करने के लिए रशिया ने आयोजित की पहली शान्तिचर्चा तीव्र मतभेदों की वजह से असफल हुई है। सीरिया के अस्साद के कडवे विरोधकों ने इस चर्चा में अस्साद के प्रतिनिधियों की उपस्थिति पर आक्षेप लिया। साथ ही अस्साद का समर्थन करने वाले रशिया ने सीरिया में हवाई हमले करके निरपराध नागरिकों को मारने की घोषणा देकर विरोधकों ने विदेश मंत्री सर्जेई लाव्हरोव्ह का भाषण रोक दिया। उसके बाद उन्होंने इस चर्चा पर बहिष्कार डाला। यह प्रकार मतलब इस शांतिचर्चा के लिए पहले करने वाले रशिया के लिए झटका माना जा रहा है।

रशिया के ‘सोची’ शहर में दो दिनों की ‘सीरियन काँग्रेस ऑफ़ नेशनल डायलॉग’ इस बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक के लिए सत्तारूढ़ अस्साद राजवट के साथ ही सीरिया के तुर्क, कुर्द, याझिदी और अन्य समूहों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया था। उसीके साथ ही पिछले सात वर्षों से सीरिया में संघर्ष करने वाले अस्साद विरोधी समूहों के प्रतिनिधि भी इस बैठक में शामिल हुए थे।

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सीरिया के सभी गुट शामिल होने वाली यह पहली ही चर्चा थी, ऐसा रशिया ने दावा किया था। इस चर्चा के लिए रशिया ने अमरिका, ब्रिटन और फ़्रांस इन देशों को भी आमंत्रित किया था। लेकिन राष्ट्राध्यक्ष अस्साद को सीरिया के भविष्य में स्थान नहीं हो सकता, यह निश्चित भूमिका अपनाकर अमरिका और मित्र देशों ने रशिया की इस बैठक में शामिल होने से इन्कार किया था। फिर भी यह बैठक सफल होगी और सीरिया का संविधान इस बैठक में निश्चित होगा, ऐसा दावा रशियन मीडिया और विश्लेषक कर रहे थे।

लेकिन सोची हवाई अड्डा और बैठक के स्थान पर लगाए गए अस्साद के बैनर्स और झंडों पर विरोधकों ने सवाल खड़े किए और इन बैनर्स को निकालने की जोरदार माँग की। इस बैठक को आमंत्रित करते समय, किसी भी पार्टी का चिन्ह इस्तेमाल न करने की शर्त रखी गई थी। फिर भी सोची हवाई अड्डा और बैठक की जगह पर अस्साद राजवट के झंडे लगाकर रशिया ने निश्चित किए गए संकेतों का उल्लंघन किया है, ऐसा विरोधकों ने आरोप लगाया है।

रशिया के विदेश मंत्री लाव्हरोव्ह ने भाषण शुरू करने के बाद भी इन विरोधकों ने घोषणाबजी शुरू की। सीरिया में हुए संहार के लिए अस्साद राजवट के साथ साथ रशियन सर्कार भी उतनी ही जिम्मेदार है, ऐसा आरोप विरोधकों ने किया। रशियन लड़ाकू विमानों के हमले में हजारों सीरियन जनता के मारे जाने की टीका विरोधकों ने की। इस वजह से लाव्हरोव्ह को बीच में ही अपना भाषण रोकना पड़ा। इसके बाद विरोधकों ने इस बैठक पर बहिष्कार डालकर, पीछे हट गए।

रशिया ने इस बैठक का आयोजन किया था। साथ ही सीरिया के छः इलाकों में संघर्षबंदी लागू करने के बाद सीरिया में रशिया का प्रभाव बढ़ गया था। लेकिन सोची की बैठक असफल साबित हुई है और सीरिया के संघर्षबंदी इलाकों में अस्साद राजवट ने हमले शुरू करके संघर्षबंदी के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप बागियों ने लगाया है। इस वजह से सीरिया में शांति प्रस्थापित करने की रशिया की कोशिश को झटका लगा है। इस वजह से अमरिका और अमरिका के मित्र देशों का समर्थन मिले सीरियन बागी और अस्साद राजवट का समर्थन करने वाले रशिया के बीच की दूरी और ज्यादा बढ़ गई है।

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