अफगानिस्तान में किए गए हवाई हमलों में तालिबान के कई आतंकी ढेर

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकाबुल: अमरिका और तालिबान के बीच शुरू शांतिवार्ता नाकाम होने के दौरान अफगानिस्तान में होनेवाले चुनावों की पृष्ठभूमि पर अफगान सुरक्षा यंत्रणा ने तालिबान के विरोध में कार्रवाई तेज कर दी है| पिछले दो दिनों में अफगान सेना दल ने तीन प्रांतों में किए हवाई हमलों में २३ से अधिक तालिबानी मारे गए है| इस पृष्ठभूमि पर अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले १९ वर्षों के संघर्ष में इस वर्ष तालिबान को सबसे अधिक नुकसान उठाना पडा है, यह दावा किया|

अफगानिस्तान में तालिबान और अमरिका के बीच पिछले कई महीनों से शांतिवार्ता सुरू थी| कई स्तरों की बातचीत होने के बाद भी तालिबान ने युद्धा विराम करने से किया इन्कार और अमरिकी सैनिकों पर हो रहे हमलों की वजह से राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने शांति वार्ता से पीछे हटने का निर्णय किया था| शांतिवार्ता से पीछे हटने के बाद अमरिका और नाटो अब तालिबान के विरोध में फिर से तेज कार्रवाई करेंगे, यह संकेत भी उन्होंने दिए थे| इसके अनुसार अमरिका ने कार्रवाई शुरू की है, यह जानकारी सामने आ रही है|

अमरिका-तालिबान के बीच शांतिवार्ता अफगानिस्तान में होनेवाले चुनावों की पृष्ठभूमि पर नाकाम हुई है| इस वजह से तालिबान ने अब चुनाव उधेड ने के लिए और भी तेज हमलें करना शुरू किया है| तालिबान के इन हमलों को रोकने के लिए अफगान सुरक्षा दलों ने देश के अलग अलग प्रांतों में मुहीम शुरू की है| शुक्रवार और शनिवार के दिन हुए हवाई हमलें इसी का हिस्सा समझे जा रहे है|

अफगान सुरक्षा दलों ने गझनी, कंदाहार और बगदिस इन तीन प्रांतों में हवाई हमलें किए है और इस दौरान गझनी में तीन आतंकी ढेर होने की जानकारी प्राप्त हुई है| वही, कंदाहार और बगदिस में हुए हवाई हमलों में २० से भी अधिक तालिबानी आतंकी मारे जाने की जानकारी अफगान सूत्रों ने दी| गझनी में हवाई हमलें करते समय ‘ऑपरेशन मोबीन’ इस स्वतंत्र लष्करी मुहीम में जघातो जिले पर कब्जा करने की बात कही जा रही है|

पिछले सप्ताह में अमरिका और अफगान रक्षादल ने की बडी कार्रवाई में १२० तालिबानी आतंकी मारे गए थे| अफगानिस्तान की उत्तरी और पश्‍चिमी क्षेत्र में यह मुहीम शुरू थी| हमलें में मारे गए आतंकियों में तालिबान कमांडर मौलवी नुरूद्दीन का भी समावेश था|

अमरिका और अफगान फौजों के हो रहे हमलों की वजह से तालिबान की मुश्किलें बढ रही है और वह गलतियां स्वीकार रहे है, यह दावा अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने किया| अफगानिस्तान में तालिबान के विरोध में शुरू १९ वर्ष की मुहीम में इस वर्ष तालिबान का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है और इसी कारण अब वह फिर से बातचीत करने के लिए तैयार हो रहे है, यह संकेत हमें सूत्रों से प्राप्त हुए है, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कहा|

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