अफगानिस्तान के फरयाब में तालिबान ने किए मॉर्टर हमलों में ५३ लोग मारे गए

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकाबुल: कतार के दोहा शहर में अमरीका के साथ चर्चा शुरू होते समय तालिबान ने अपनी हिंसा रूकेगी नही, यह बात एक बार फिर से दिखाई है| शुक्रवार को अफगानिस्तान के फरयाब प्रांत के बाजार में तालिबान ने मॉर्टर के हमलें किए| इस हमले में लगभग ५३ लोगों की जान गई है| पिछले कुछ दिनों में तालिबान ने अफगानिस्तान में किया यह सबसे बड़ा एवं भीषण हमला साबित हुआ है|

कुछ दिनों पहले ही कतार में अमरिका और तालिबान के दौरान शांति चर्चा का दौर संपन्न हुआ था| इस दौर के बाद अमरिका के सूत्रों ने तालिबान के साथ करार करने के लगभग पास पहुंचने के संकेत दिए थे| आनेवाले स्तरों में होनेवाली चर्चा से सकारात्मक खबर प्राप्त होगी, ऐसा दावा भी किया गया था| पर शान्ति चर्चा का भाग होनेवाला तालिबान वास्तव में हिंसाचार की तीव्रता अधिक बढ़ा रहा है, ऐसा दिखाई दे रहा है|

शुक्रवार को फरयाब प्रांत में ‘ख्वाजा सब्ज पॉश मार्केट’ पर तालिबान ने जोरदार मॉर्टर हमला किया| इस हमले में १४ लोग घटनास्थल पर ढेर हुए और ४० से अधिक लोग जख्मी हुए| पर थोड़े समय के बाद बली लोगों की संख्या ज्यादा होने की बात स्पष्ट हुई| अफगानी यंत्रणा ने दी जानकारी के अनुसार बाजार में हुए हमलों में जान से गए लोगों की संख्या ५३ पर हुई है|

फरयाब प्रांत में हुए मॉर्टर हमले के बाद गजनी प्रांत के प्रार्थना स्थल पर भी हमला होने की खबर सामने आई है| गजनी प्रांत में प्रार्थना स्थल पर एक बम का विस्फोट हुआ है, जिसमें ३ लोगों की जान जाने की बात कही जा रही है| इस हमले की जिम्मेदारी किसी भी आतंकवादी संगठन ने नहीं स्वीकारी है| फिर भी इन हमलों के पीछे तालिबान का हाथ हो सकता है, ऐसा संदेह व्यक्त किया जा रहा है|

रविवार को तालिबान एवं अमरिका में शांति चर्चा का नया दौर होनेवाला है| ऐसा होते हुए भी तालिबान से लगातार अफगानिस्तान में हिंसाचार की व्याप्ति बढ़ाने के प्रयत्न जारी रखे है| चर्चा के दौरान अपनी मांग पूर्ण करने के लिए तालिबान से इस हिंसाचार का आधार लेने का दावा किया गया है| पर तालिबान ने इस बारे में कोई भी प्रतिक्रिया देने की बात टाली है|

पीछले कुछ महीनों में अमरिका, रशिया एवं चीन इन प्रमुख देशों के साथ तालिबान ने इस शांति प्रक्रिया संबंधी बातचीत की है| फिर भी इन सभी कोशिशों को अबतक कोई भी सफलता नहीं मिली है| अफगान सरकार से इन सभी कोशिशों को विरोध हो रहा है और तालिबान के साथ चर्चा में अफ़गानिस्तान शामिल होना ही चाहिए, इसके लिए सरकार आग्रही है तथा अफगान सरकार शामिल होनेवाली प्रक्रिया में हम हिस्सा नहीं होंगे, ऐसा तालिबान का कहना है|

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