लष्कर द्वारा स्वदेशी बनावट की कार्बाइन का सफल परीक्षण

नई दिल्ली – ‘रक्षा संशोधन विकास संस्था’ (डीआरडीओ) ने भारतीय लष्कर के लिए विकसित की हुई ‘५.५ बाय ३० एमएम प्रोटेक्टिव्ह कार्बाइन’ का सफल परीक्षण किया गया। परीक्षण के दौरान इस ‘कार्बाइन’ ने सभी निकष पूरे किये होने के कारण इस शस्त्र को लष्कर में समावेश करने का मार्ग खुला हो गया है। रक्षा मंत्रालय ने इस संदर्भ में जानकारी साझा की।

military-india-Carbaineस्वदेशी बनावट की ‘जॉईंट व्हेंचर प्रोट्रेक्टिव्ह कार्बाइन’ (जेव्हीपीसी) यह स्वयंचलित शस्त्र है। इस कार्बाइन की मारक क्षमता १०० मीटर तक होकर, प्रति मिनट ७०० गोलियों की बौछार इसके द्वारा की जा सकती है। साथ ही, यह कार्बाईन हल्के वज़न की है। इसका वज़न तक़रीबन तीन किलो है। ‘डीआरडीओ’ ने भारतीय लष्कर की माँग के अनुसार यह कार्बाइन विकसित की गई है।

कार्बाइन का अंतिम चरण का परीक्षण सर्दियों की प्रतिकूल परिस्थिति में किया गया। सात दिसम्बर को यह परीक्षण संपन्न हुआ होने की जानकारी रक्षा मंत्रालय ने दी। जल्द ही कार्बाइन लष्कर के बेड़े में दाख़िल होगी। लष्कर के लिए आतंकवादविरोधी लड़ाई में यह शस्त्र उपयुक्त साबित होनेवाला है। इसी बीच, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में संपन्न हुए ‘डिफेन्स एक्स्पो’ में यह कार्बाइन पहली बार प्रदर्शित की थी। इससे पहले हुए कार्बाइन के परीक्षण भी सफल हुए थे। साथ ही, केंद्रीय सशस्त्र पुलीस बल ने इसकी खरीद के लिए गतिविधियाँ भी शुरू की हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.