‘डीआरडीओ’ ने हैदराबाद की दो लैब्स् के बीच ‘क्वांटम संपर्क’ स्थापित किया – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दी ‘डीआरडीओ’ को बधाई

हैदराबाद – रक्षा संशोधन और विकास संस्था (डीआरडीओ) ने हैदराबाद स्थित अपनी दो लैब्स् में ‘क्वांटम की डिस्ट्रीब्युशन’ (क्यूकेडी) इस तंत्रज्ञान के आधार पर संपर्क स्थापित कर इतिहास रचा है। उसी समय, ‘क्यूकेडी’ द्वारा दो लैब्स् के बीच संपर्क स्थापित होने के बाद, इस संपर्क की जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करनेवाली थर्ड़ पार्टी की खोज करनेवाली यंत्रणा का भी इस समय परीक्षण किया गया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता के लिए ‘डीआरडीओ’ को बधाई दी है।

QKD-Technology-drdo‘क्यूकेडी’ यह सुरक्षित संपर्क का आधुनिक तंत्रज्ञान होकर, भविष्य में लष्करी उपयोग के लिए, गोपनीय संपर्क के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। ‘क्रिप्टोग्राफीक प्रोटोकॉल’ का इस्तेमाल कर संपर्क की यह यंत्रणा विकसित की गयी है। ‘डीआरडीओ’ के बंगळुरूस्थित ‘सेंटर फॉर आर्टिफीशिअल इंटेलिजन्स ऍण्ड रॉबोटिक्स’ (सीएआयआर) तथा मुंबईस्थित ‘डिफेन्स यंग सायंटिस्ट लॅबोरेटोरी-क्वांटम टेक्नॉलॉजी’ (डीवायएसएल-क्यूटी) ने मिलकर यह तंत्रज्ञान विकसित किया है। इस तंत्रज्ञान के आधार पर ‘सिक्रेट की’ बनाकर संपर्क स्थापित किया जा सकता है। इस तंत्रज्ञान के ज़रिये होनेवाला संभाषण और जानकारी का आदानप्रदान गोपनीय रह सकता है।

हैदराबाद की डीआडीओ की दो लैब्स् इस ‘क्यूकेडी’ तंत्रज्ञान द्वारा सफलतापूर्वक एक-दूसरे से जोड़ीं गईं। ‘डिफेन्स रिसर्च डेव्हलप्मेंट लॅबोरेटरी’ (डीआरडीएल) और रिसर्च सेंटर इमारत (आरसीए) इन दो लैब्स् के बीच यह संपर्क स्थापित किया गया। इस परीक्षण में यह तंत्रज्ञान सभी मानदंडों के निकष पर सफल साबित हुआ होने की जानकारी सामने आ रही है। यह सुरक्षित संपर्क प्रणाली कोई भी छेद नहीं सकता। साथ ही, ऐसी कोश करनेवाले की खोज करने के तंत्रज्ञान का भी इस समय सफल परीक्षण किया गया।

‘डीआरडीओ’ ने तैयार किया यह तंत्रज्ञान, भविष्य में जानकारी एवं सूचना तंत्रज्ञान क्षेत्र में काफ़ी अहम साबित होनेवाला है। सुरक्षाबल, गुप्तचर यंत्रणाओं के संपर्क के लिए यह यंत्रणा बहुत ही महत्त्वपूर्ण होगी। इस कारण, डीआरडीओ को इस परीक्षण में मिली सफलता बहुत ही अहम मानी जा रही है। ‘डीआरडीओ’ ने सफलता की एक और नयी बुलंदी को छू लिया है।

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