परमाणु वाहक बैलेस्टिक ‘शौर्य’ मिसाइल की नई आवृत्ति का सफल परीक्षण

बालासोर – नए ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल का सफल परीक्षण के बाद ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ (डीआरडीओ) ने परमाणु वाहक ‘शौर्य’ मिसाइल की नई आवृत्ति का सफल परीक्षण किया है। यह मिसाइल ८०० किलोमीटर दूरी पर स्थित लक्ष्य को सटीकता के साथ निशाना कर सकती है। ‘शौर्य’ की इस नई आवृत्ति की वजह से मौजूदा मिसाइल प्रणाली अधिक मज़बूत होगी, यह विश्‍वास व्यक्त किया जा रहा है। चीन के साथ जारी तनाव में बढ़ोतरी होते समय किया गया यह परीक्षण बड़ी अहमियत रखता है।

Shaurya-missileशनिवार के दिन ओड़िशा के बालासोर में दोपहर के १२.१० बजे डॉ.अब्दुल कलाम द्विप पर यह परीक्षण किया गया। ज़मीन से ज़मीन पर हमला करनेवाली ‘शौर्य’ मिसाइल का यह परीक्षण सफल हुआ। नई आवृत्ति की ‘शौर्य’ मिसाइल वजन में हल्की और इस्तेमाल करने में अधिक आसान है। अपने निर्धारित लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने के दौरान यह मिसाइल अंतिम चरण में ‘हायरपसोनिक’ गति प्राप्त करती है, यह जानकारी सूत्रों ने साझा की।

‘शौर्य’ की इस आवृत्ति का निर्माण करने के लिए अधिक प्रगत प्रणाली का इस्तेमाल किया गया है। इसका आकार भी काफी हद तक सीमित रखा गया है। इसका व्यास कम होने से इस मिसाइल को हवा का अवरोध कम पैमाने में होता है। करीबन १ हज़ार किलो भार के विस्फोटकों के साथ हमला करने की क्षमता यह मिसाइल रखती है। इस मिसाइल की लंबाई १० मीटर है और इसका वज़न ६.२ टन है। इस मिसाइल के निचले हिस्से में गैस जनरेटर लगाया गया है और इस मिसाइल के प्रक्षेपण में इसका कार्य बड़ा अहम होता है।

डीआरडीओ’ ने ‘स्टैटेजिक मिसाइल’ के निर्माण में देश को पूरी तरह से आत्मनिर्भर करने की कोशिश शुरू की है। ‘शौर्य’ मिसाइल की नई आवृत्ति की वजह से भारत की मौजूदा मिसाइल प्रणाली अधिक ताकतवर होगी, यह विश्‍वास व्यक्त किया जा रहा है। ‘डीआरडीओ’ ने दो दिन पहले ही स्वदेशी ‘लेज़र गायडेड ऐण्टी टैंक मिसाइल’ (एटीजीएम) का सफल परीक्षण किया था। अर्जुन टैंक से छोड़ी गई यह मिसाइल पांच किलोमीटर दूरी पर तय लक्ष्य सटीकता से ध्वस्त करने की क्षमता रखती है। इससे पहले ‘डीआरडीओ’ ने ‘ब्रह्मोस’ का परीक्षण किया था।

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