भारत में जल्द ही होगा ‘स्टेल्थ’ पनडुब्बियों का निर्माण

नई दिल्ली – ‘मेक इन इंडिया’ के तहत 101 रक्षा सामान की खरीद करने को मंजूरी प्रदान करने के बाद रक्षा मंत्रालय अब जल्द ही भारतीय नौसेना से संबंधित अहम ऐलान करने की तैयारी में होने की जानकारी सामने आ रही है। रक्षा मंत्रालय काफी लंबे समय से प्रलंबित ‘प्रोजेक्ट पी-75 आय’ की योजना के तहत छह ‘स्टेल्थ’ पनडुब्बियों का निर्माण करने के लिए करीबन 42,000 करोड़ रुपए मूल्य की निविदा जारी करेगा। इससे संबंधित निर्णय का ऐलान अगले महीने में होगा, ऐसा दावा किया जा रहा है। बीते कुछ दिनों में भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा को बड़ी अहमियत दी है और इसे ध्यान में रखे तो ‘स्टेल्थ’ पनडुब्बियों का भारत में निर्माण करने से संबंधित निर्णय अहम सबित होता है।

India-submarineभारत को 7.5 हज़ार किलोमीटर का सागरी तट प्राप्त हुआ है। इस तटीय क्षेत्र की सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना को प्रगत पनडुब्बियों की आवश्‍यकता होने की माँग बीते कुछ वर्षों से की जा रही है। भारत के पड़ोसी देश चीन की नौसेना विश्‍व की दूसरे क्रमांक की नौसेना है। चीन की नौसेना के बेड़े में 79 पनडुब्बियां मौजूद हैं और बीते कुछ वर्षों में इन पनडुब्बियों की हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब समुद्र में भारतीय सरहदी क्षेत्र के करीब मौजुदगी बढ़ी है। इसके अलावा चीन पाकिस्तान को भी आठ पनडुब्बियां प्रदान करने की तैयारी में है। ऐसे में भारतीय नौसेना के बेड़े में 17 पनडुब्बियां तैनात है। इस पृष्ठभूमि पर भारतीय नौसेना को प्रगत पनडुब्बियों से सज्जित करने की माँग बीते कुछ वर्षों से हो रही है।

पिछले कुछ हफ्तों में चीन के साथ बने तनाव में बढ़ोतरी होने के बाद भारत ने अपनी रक्षा तैयारी पूरी करने के लिए गति बढाई है और नौसेना की माँगें भी पारित हो रही है। बीते कई वर्षों से भारतीय नौसेना से ‘स्टेल्थ’ पनडुब्बियां प्राप्त करने के लिए हो रही माँग भी अब पूरी होने के कगार पर होने की बात कही जा रही है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने वृत्तसंस्था से साझा की हुई जानकारी में यह कहा गया है कि, इन पनडुब्बियों के निर्माण के लिए अगले महीने में निविदा जारी होने की संभावना है। मुंबई के ‘माज़गाव डॉक्स लिमिटेड’ और ‘एल ऐण्ड टी’ कंपनी को इन पनडुब्बियों के निर्माण के लिए आमंत्रित किया जाएगा। सरकार ने अपनाई ‘स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप’ नीति के तहत इन पनडुब्बियों का निर्माण होगा।

इस नीति के तहत इन पनडुब्बियों के निर्माण कार्य में भारतीय कंपनियों को ‘ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर’ के तौर पर विदेशी कंपनी की सहायता प्राप्त होगी। इसके लिए पांच विदेशी कंपनियों का चयन किया गया है। इनमें रशिया, फ्रान्स, जर्मनी, स्पेन और दक्षिण कोरियन कंपनियों का समावेश है। इन पनडुब्बियों के निर्माण की सबसे अधिक जिम्मेदारी रहनेवाली भारतीय कंपनी से एक विदेशी कंपनी को चुना जाएगा, यह भी कहा जा रहा है। भारतीय नौसेना पहले से ही रशिया और फ्रान्स के निर्मित पनडुब्बियों से सज्जित है। भारत ने फ्रान्स के साथ किए समझौते के अनुसार ‘स्कॉर्पियन’ वर्ग की चार पनडुब्बियां वर्ष 2022 तक नौसेना के बेड़े में शामिल होंगी। इसके साथ ही भारतीय नौसेना जल्द ही छह परमाणु पनडुब्बियों से भी सज्जित हो रही है। इसके अलावा लंबी दूरी के मिसाइलों से सज्जित चार अन्य पनडुब्बियां भी भारतीय नौसेना के बेड़े का हिस्सा हो रही हैं।

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