एल्फिनस्टन रेलवे पुल पर हुई भगदड़ मे २२ लोग मृत

मुंबई: शुक्रवार के दिन मध्य रेलवे के परेल और पश्चिम रेलवे के एल्फिनस्टन रेल्वे स्थानक को जोड़नेवाले पादचारी पूल पर हुए भगदड़ मे २२ लोगों की जान गयी और ३९ से अधिक लोग जख्मी हुए। इस समय हुई बारिश से एक ही समय पर पहुंची रेलगाड़ियों से पुल पर बढ़ी भीड़ और पुल गिरने की फैली अफवाह, इस भगदड़ के लिए जिम्मेदार होने की बात सामने आयी है। इस दुर्घटना के पर देश भर से शोक व्यक्त किया जा रहा है और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दु:ख व्यक्त किया है।

परेल एवं एल्फिनस्टन रेल्वे स्थानक यह, मध्य एवं पश्चिम रेलवे पर सर्वाधिक भीड़ के स्थानक के तौर पर पहचाने जाते है। इस स्थानक को जोड़ने वाले पुल पर सुबह कार्यालयीन समय पर बड़ी तादाद मे भीड़ होती है। शुक्रवार के दिन सुबह १०.४० के करीब एल्फिनस्टन एवं परेल स्थानक पर दोनों तरफ से आने वाली गाड़ियां एक ही समय पर स्थानक पर दाखिल होने से पुल के पश्चिम की दिशा मे उतरने वाले सीढ़ी पर भीड़ हो गयी थी। रेल मे चढ़ने वाले और उतरने वाले प्रवासी मंद गति से आगे चल रहे थे और उसी समय बारिश हो रही थी। इस वजह से बहुत से यात्री बाहर न निकलते हुए वही रुक गए। उसकी वजह से पुल पर भीड़ बढ़ गयी। साथ ही अफवाओं की वजह से खलबली फैल गयी और यह भगदड़ हो गयी।

कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के दावे के अनुसार इस पादचारी पुल के सीढ़ियों पर भीड़ बढ़ते हुए एक दूसरे से टकराव शुरू हुआ था और कोई यह पुल गिरने की बात कहकर जोर से चिल्लाया था। उसके बाद अपनी जान बचाने के लिए लोग दौड़ने लगे और यहां खलबली फैल गयी। आगे दौड़ते समय कुछ लोग पैर फिसलकर गिर पड़े और गिरे यात्रियों पर चलकर अनेक लोग आगे जाने का प्रयत्न कर रहे थे। कुछ लोगों ने इस सीढ़ी की रेलिंग से नीचे छलांग लगाई। इस भगदड़ मे २२ लोगों की जान गयी। उस मे आठ महिला और एक अल्पवयीन लड़के का समावेश है।

एल्फिनस्टन रेलवे पुल की सीढ़ी पर यह खलबली फैली और सामने की रेलवे प्लेटफार्म एवं इमारत से कुछ लोगों ने मोबाइल मे यह संपूर्ण घटना चित्रित की। एल्फिनस्टन और परेल स्थानक के पड़ोस मे कुछ वर्षों से बड़ी तादाद मे बड़ी कंपनियां और वित्तीय संस्थाओं ने कार्यालय शुरू किए है। तथा यहां नजदीक ही होलसेल फूल और मछली बाजार को जानेवाला रास्ता है। उसकी वजह से यह दुर्घटना हुई। सीढ़ी पर बहुत बार भीड़ होती है। भीड़ के समय यहां चलना कठिन होता है। उसकी वजहसे यह सीढ़ियाँ चौड़ी करें, ऐसी मांग पिछले अनेक वर्षों से की जा रही थी। पर प्रशासन ने इसे अनदेखा करने का दावा कुछ प्रत्याशियों ने किया है।

रेल मंत्री पीयूष गोयल शुक्रवार के दिन सुबह सौ नई उपनगरी रेल्वे फेरियों के उद्घाटन कार्यक्रम के लिए मुंबई आए थे और इस घटना के बाद यह कार्यक्रम रद्द किया गया। उन्होंने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए है। पश्चिम रेलवे का मुख्य जनसंपर्क अधिकारी रविंदर भाकर ने यह दुखद घटना होने की बात स्पष्ट करते हुए, बारिश की वजह से पुल पर अनपेक्षित भीड़ होने से यह दुर्घटना हुई है, ऐसा अंदाजा व्यक्त किया था। तथा सीढ़ी पर होनेवाले भीड़ का नियंत्रण करने के लिए सुरक्षा जवानों की नियमित तैनाती होती है यह भी जानकारी दी है।

तांत्रिकदृष्टि से इस दुर्घटना का रेलवे से कोई संबंध नहीं। फिर भी यह दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना पीड़ित एवं कुटुंब को रेलवे के नियमों के अनुसार पीड़ितों को मुआवज़ा दिया जाएगा ऐसा भाकर ने कहा। इस दुर्घटना के बाद जख्मियों को अस्पताल मे पहुंचाने के लिए स्थानीय लोगो ने और यात्रियों ने मदद की। तथा दुर्घटना के बाद वैद्यकीय सेवा देने वाले विशेष रेलवे इस घटना स्थल पर दाखिल हुए। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के पीड़ित कुटुंब को रेलवे मंत्रालय से ५ लाख रूपये एवं महाराष्ट्र सरकार ने भी ५ लाख रुपये की सहायता घोषित की है। तथा गंभीर जख्मियों को एक लाख एवं अल्पतर जख्मियों को ५० हजार की मदद की गयी है। इस घटना के बाद एल्फिनस्टन परेल पुल के चौड़ाई के लिए सरकारने हाथों-हाथ ४५ करोड़ों रुपयों की निविदा मांगने की बात घोषित की है। आने वाले वर्ष तक यह काम पूरा किया जाएगा ऐसा एक अधिकारी ने कहा है।

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