भारत-दक्षिण कोरिया के रक्षा सहयोग को गति – रक्षामंत्री राजनाथ सिंग का दावा

नई दिल्ली – भारत और दक्षिण कोरिया का रक्षा संबंधी सहयोग गतिमान होने का दावा रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने किया है| दक्षिण कोरिया के रक्षामंत्री ‘जिआँग क्योंगदो दो’ भारत की यात्रा कर रहे है| उत्तर प्रदेश के लखनौ में आयोजित डिफेन्स एक्स्पो २०२०’ में वह शामिल हो रहे है| इससे पहले उन्होंने रक्षामंत्री राजनाथ सिंग से भेंट करके द्विपक्षिय बातचीत की| इस दौरान भारत के रक्षामंत्री ने दक्षिण कोरिया समेत जल्द ही रक्षासंबंधी सहयोग समझौता होगा, यह संकेत दिए|

मंगलवार के दिन नई दिल्ली में दोनों देशों के रक्षामंत्री की द्विपक्षिय बातचीत हुई| इसमें दोनों देशों में रक्षासंबंधी सहयोग का मुद्दा सबसे उपर रहा| भारत और दक्षिण कोरिया में विकसित हुआ रक्षा सहयोग अब गतिमान हुआ है, यह कहकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने संतोष व्यक्त किया| इसके अलावा जल्द ही दोनों देशों में रक्षासंबंधी सहयोग समझौता होगा, यह दावा भी राजनाथ सिंग ने किया है| भारत के इंडो-पैसिफिक विषयक नजरिया और दक्षिण कोरिया की ‘न्यू सदर्न पोलिसी’ में काफी बडी समानता होने की बात कहकर इस क्षेत्र में दोनो देशों के हितसंबंध भी समान होने की बात पर राजनाथ सिंग ने ध्यान आकर्षित किया| 

दक्षिण कोरिया के रक्षामंत्री समेत हुई बातचीत काफी कामयाब होने की बात कहकर राजनाथ सिंग ने संतोष व्यक्त किया| अगले दौर में भारत के रक्षाविषयक परियोजनाओं में दक्षिण कोरिया के निवेश का स्वाग होगा, यह बात भी रक्षामंत्री ने स्पष्ट की| इसी बीच भारत के रक्षा बाजार पर दक्षिण कोरिया ने भी ध्यान केंद्रीत किया दिख रहा है| भारत के इस बाजार से स्पर्धा करने की तैयारी दक्षिण कोरिया ने पहले ही शुरू की थी, यह बात भी इस दौरान स्पष्ट हुई है और लखनौ में शुरू हो रहे ‘डिफेन्स एक्स्पो २०२०’ का लाभ उठाने की कोशिश दक्षिण कोरिया कर रहा है|

भारत भी दक्षिण कोरिया से रक्षा सहयोग की ओर उत्सुकता से देख रहा है| दक्षिण कोरिया की दस कंपनियां इस डिफेन्स एक्स्पो में शामिल होगी, यह जानकारी प्राप्त हुई थी| भारत आर्टिफिशल इंटेलिजन्स ने सज्जित रक्षा सामान के निर्माण के लिए उत्सुक है और इस मोर्चे पर दक्षिण कोरिया भारत की बडी सहायता कर सकता है, यह दावा माध्यमों से किया जा रहा है|

इस वजह से भारत और दक्षिण कोरिया में जल्द ही रक्षासंबंधी सहयोग होगा, यह रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने किए बयान की अहमियत और भी बढी है|

नजदिकी समय में दोनों देश रक्षासामान निर्माण के संयुक्त उपक्रम शुरू कर सकते है, ऐसे संकेत भी प्राप्त हो रहे है| दक्षिण कोरिया और भारतीय कंपनियां मिलकर ‘के९वज्र टी’ टैंक का निर्माण कर रही है| यह सहयोग और भी मजबूत और व्यापक करने के लिए दोनों देशों की कोशिश होगी| इसका काफी बडा लाभ दोनों देशों को प्राप्त होगा|

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