कई राज्यों में फँसे मजदूर और छात्राओं के लिए छोड़ी जाएँगी विशेष ट्रेनें

नई दिल्ली, (वृत्तसंस्था) – लॉकडाउन की वजह से देशभर के कई राज्यों में फँसे पडें मजदूर, पर्यटक एवं छात्राओं को आंतरराज्य सफर करने के लिए सहूलियत पदान करने के बाद अब केंद्रीय गृहमंत्रालय ने इन लोगों के लिए हर एक राज्य से विशेष ट्रेन शुरू करने का अहम निर्णय किया है। शुक्रवार के दिन हैदराबाद के नजदिकी लिंगमपिल्ली से झारखंड जानेवाले मजदूरों के लिए विशेष ट्रेन छोडी गई। यह ट्रेन इन मजदूरों को झारखंड के हटिया पहुँचाएगी। इस विशेष ट्रेन से करीबन १,२०० मजदूरों को झारखंड पहुँचाया जा रहा है।

लॉकडाउन की वजह से हजारों नागरिक कई राज्यों में अस्थायी रुप से तैयार किए गए राहत केंद्रों में फँसे पडें हैं। लॉकडाउन के दौरान बस, रेल और विमान सेवा बंद होने से, अन्य राज्यों में पढने गए छात्र, पर्यटक भी अपने राज्यों में लौट नहीं सकें हैं। इस वजह से, संबंधित राज्यों ने स्थानांतरित मजदूरों के लिए अपने गाँव लौटने के लिए सुविधा प्रदान की जाए, यह माँग जोर पकड रही थी। इस वजह से इन मजदूरों समेत फँसें पडें छात्र और पर्यटकों को भी अपने गांव लौटने के अनुमति प्रदान हों और उनके सफर का प्रावधान हों, यह माँग कई राज्यों ने केंद्र सरकार के सामने रखीं थी।

इस माँग पर विचार करके, देशभर के अलग अलग हिस्सों में फँसें पडें स्थानांतरित कर्मचारी, पर्यटक, छात्र एवं अन्य लोगों की यातायात करने के लिए विशेष ट्रेनें चलाने की अनुमति केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रदान की है। इन फँसे पडे लोगों की यातायात के लिए रेल मंत्रालय, राज्य सरकार, केंद्रशासित प्रदेशों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए नोडल अफसर की नियुक्ती की जाएगी। साथ ही टिकटों की बिक्री करने के लिए और रेल्वे स्थानकों पर, रेल्वे प्लैटफॉर्म और गाडियों में सोशल डिस्टंसिंग के संबंधित नियम एवं अन्य सुरक्षा के प्रावधानों के बारे में रेल मंत्रालय सविस्तर मार्गदर्शक सूचना जारी कर रहा है। सफर से पहले हर एक यात्रि की जाँच की जाएगी और कोरोना से संबंधित कोई भी आसार ना होने की बात स्पष्ट होने पर ही उसे यात्रा करने की सहूलियत दी जाएगी।

कोरोना की पृष्ठभूमि पर, देशभर में २५ मार्च से लॉकडाउन शुरू किया गया था। इसके बाद ३ मई तक लॉकडाउन बढाया गया था। ऐसें में राज्यों द्वारा सामने आयी माँग के बाद केंद्रीय गृहमंत्रालय ने यात्रा करने की सहूलियत प्रदान की थी। इसके बाद अब इन यात्रियों के लिए विशेष ट्रेनें छोडने का निर्णय हुआ है। इस निर्णय के साथ ही, करीबन ४० दिनों तक फँसें पडे मजदूरों को बडी राहत प्राप्त हो रही है। तेलंगना सरकार ने रखी बिनती के बाद केंद्रीय रेल मंत्रालय ने शुक्रवार के दिन विशेष ट्रेन छोडने का प्रावधान किया। यह ट्रेन लिंगमपिल्ली से १,२०० मजदूरों को लेकर आज सुबह ४.३० बजे झारखंड के हटिया जाने के लिए निकली। सोशल डिस्टंसिंग को ध्यान में रखकर इस ट्रेन के ७२ आसनों के डिब्बों में ५४ यात्रियों को बिठाया गया।

मध्य प्रदेश सरकार ने भी अलग अलग राज्यों में फँसें पडे अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए कदम उठाए है। अन्य राज्यों में फँसें २० हजार से भी अधिक मजदूरों को मध्य प्रदेश लाया गया है। राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव आय.सी.पी.केशारी ने यह जानकारी साझा की। राजस्थान के जैसलमेर, नागौर, जोधपूर और जयपूर में फँसें पडें अपने २० हजार मजदूरों को मध्य प्रदेश लाया गया। इन सभी लोगों की स्वास्थ्य जाँच करने के बाद उन्हें अपने अपने जिलों में भेजा जाएगा। इसके साथ अलग अलग राज्यों में फँसें कामगारों को वापस लाने के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश और पंजाब सरकार ने रेल प्रशासन के सामने विशेष ट्रेन छोडने की माँग रखी हैं। उत्तर प्रदेश की सरकार ने बसेस की व्यवस्था भी की है। अकेले उत्तर प्रदेश में करीबन १० लाख मजदूर, छात्र लौट सकेंगे, यह अंदाजा जताया जा रहा है।

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