रशिया और चीन के बढ़ते खतरे की पृष्ठभूमि पर ब्रिटेन के रक्षा खर्च में छह अरब डॉलर्स की वृद्धि – प्रधानमंत्री ऋषी सुनाक का ऐलान

सैन दिएगो/लंदन – रशिया का यूक्रेन पर हमला और चीन ने खड़ी की अभूतपूर्व चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए ब्रिटेन ने अपने रक्षा खर्च में काफी बड़ी बढ़ोतरी की है। अगले दो सालों में ब्रिटेन अपने रक्षा खर्च के लिए अतिरिक्त छह अरब डॉलर्स का प्रावधान कर रहा है, यह ऐलान प्रधानमंत्री ऋषि सुनाक ने किया है। इस दौरान ब्रिटेन ने रक्षा और विदेश नीति पर गौर करने के लिए ‘इंटिग्रेटेड रिव्यू रिफ्रेश २०२३’ नामक ‘पॉलिसी पेपर’ जारी किया। इसमें ब्रिटेन ने पहली बार ताइवान का ज़िक्र करने की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सुनाक फिलहाल अमरीका के दौरे पर हैं और अमरीका जाने से पहले उन्होंने रक्षाखर्च बढ़ाने का ऐलान किया है। अगले कुछ सालों में ब्रिटेन अपने रक्षा खर्च के लिए जीडीपी की २.५ प्रतिशत राशि देगा, यह कहकर सुनाक ने छह अरब डॉलर्स के अतिरिक्त प्रावधान का ऐलान किया। यह प्रावधान बजट के रक्षा प्रावधान एवं साल २०२० में किए गए ऐलान से अलग होने की बात पर उन्होंने ध्यान आकर्षित किया। इनमें से कुछ हिस्सा यूक्रेन को दिए गए हथियारों की वजह से ब्रिटेन के रक्षाबलों में हथियारों की किल्लत दूर करने के लिए इस्तेमाल की जाएगी, यह प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया। शेष हिस्सा अमरीका और ऑस्ट्रेलिया के साथ होनेवाले ‘ऑकस पैक्ट’ के लिए मुहैया किया जाएगा, यह भी सुनाक ने कहा।

प्रधानमंत्री सुनाक द्वारा घोषित अतिरिक्त प्रावधान पर सांसदों ने संतोष व्यक्त किया है, फिर भी सेना के दायरे में नाराज़गी है। रशिया और चीन जैसे खतरों की स्थिति में ब्रिटेन ने अपने रक्षा खर्च के लिए जीडीपी की तीन प्रतिशत राशि देनी चाहिये, ऐसी मांग कुछ वरिष्ठ सेना अधिकारियों ने की थी। रक्षा खर्च के लिए अतिरिक्त प्रावधान करने के साथ ही ‘इंटिग्रेटेड रिव्यू रिफ्रेश २०२३’ नामक ‘पॉलिसी पेपर’ भी जारी किया गया है।

ब्रिटेन ने इससे पहले साल २०२१ में सुरक्षा, विदेश नीति और रक्षा नीति पर एक साथ गौर करके ‘इंटिग्रेटेड रिव्यू’ जारी किया था। रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर इसमें सुधार किए गए हैं और नए ‘पॉलिसी पेपर’ में रशिया और चीन के खतरे को प्राथमिकता दी गई है। चीन की शासक कम्युनिस्ट हुकूमत की गतिविधियां ब्रिटेन के हर क्षेत्र की नीति को चुनौती दे रही है, इस पर ध्यान आकर्षित किया गया है। चीन की हरकतों को ब्रिटेन अनदेखा नहीं कर सकता, इसका अहसास भी ‘इंटिग्रेटेड रिव्यू रिफ्रेश २०२३’ में कराया गया है।

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